अजब ग़जब

शगुन में दुल्हन के पिता ने रखे 11 लाख रुपए, तो दुल्हे ने कही ऐसी बात की चारों ओर हो रही चर्चा

दहेज प्रथा के खिलाफ कई आवाजों को तो आपने सुना ही होगा, हालांकि पूरी तरह यह प्रथा अभी भी खत्म नहीं हुई है। अब इसे कई लोग गिफ्ट के तौर पर लेते हैं, तो कई लोग किसी रस्म का नाम देकर। कुछ ऐसा ही राजपुत शादियों में भी होता है।

राजुपत शादी में टीके की रस्म को काफी माना जाता है। क्योंकि यह वह रस्म हैं जिसमें दुल्हन के पिता को दूल्हे को शगुन के नाम पर ढेर सारा पैसा देना होता है। दहेज के खिलाफ कानून की सख्ती को देखते हुए अब शादियों में दहेज तो नहीं लिया जाता लेकिन हां शगुन के नाम पर दहेज की कसर जरुर पूरी कर ली जाती है।

शगुन में दे  रहे थे 11 लाख रुपए

ऐसे में आज हमे एक ऐसा भी उदाहरण देखने को मिला है। जहां दूल्हे की ओर से टीके में मिले 11 लाख रुपयोे को ना कह दिया गया हो। दरअसल यक मामला राजस्थान के जयपुर का है। यहां 5 फरवरी को हुई शादी में दुल्हन बेटी कंचन के पिता सुरेंद्र सिंह शेखावत ने दूल्हे शैलेंद्र सिंह राठौड़ को टीके में शगुन के तौर पर 11 लाख रुपए दिए।

भावुक हुए लड़की के पिता, समधी को लगाया गले

जिसे शैलेंद्र और उनके पिता विजय सिंह राठौड़ ने इस शगुन को लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे उनकी बेटी को ही दहेज मान कर उसे स्वीकार कर रहे हैैं। जिसे सुनकर दुल्हन के पिता भावुक हो गए और उन्होंने अपने समधी को गले से लगा लिया।

टीके में इतनी बड़ी रकम को इंकार करने के बाद से ही विजय सिंह की काफी सराहना की जा रही है। हालांकि टीके में शगुन की बड़ी रकम को मना करने का यह मामला नहीं है। लेकिन फिर भी इतनी बड़ी रकम ना कहना कोई आम बात भी नहीं हैं।

समाज में लोग कर रहे वाहवाही

विजय सिंह राठौैर राजस्थान के चूरू जिले के किशनपुरा इलाके में रहते हैं। विजय सिंह प्रॉपर्टी का बिजनेस करते हैैं। उनकी पत्नी सुमन भी टीचर हैं। जबकि बेटा शैलेंद्र जयपुर में विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में एकाउंटेंट हैं।

राजस्थान में आज भी टीके की रस्म को काफी महत्व दिया जाता है। इस रस्म के दौरान दुल्हन के पिता को दूल्हे को लाखों से लेकर उनके मन मुताबिक तक पैसे शगुन के तौर पर देने का रिवाज होता है। लेकिन विजय सिंह के इस कदम के बाद समाज में चारों तरफ लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं।

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