अजब ग़जब

इस नवाब के पास थी 300 से ज्यादा पत्नियां, ठाठ बाठ ऐसे की क्या ही कहना, लेकिन गंवानी पड़ी जान

उत्तरप्रदेश जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान अवध भी कहा जाता था। 1856 को अवध के आखिरी नवाब को बंदी बनाने के बाद ब्रिटिश सरकार ने यहां अपना कब्जा कर लिया था। अवध के इस आखिरी नवाब को लेकर कई बाते की जाती है। कहा जाता है कि ले नवाब अपनी नवाबियत के कारण ही अवध को अपने हाथो से खो चुके थे।

नवाब वाजिद अली शाह ने करीब नौ सालों तक अवध पर राज किया था। वाजिद अली की नवाबियत के चर्चे कुछ इस तरह भी बताए जाते हैं कि नवाबों को लेकर कहीं जाने वाली कई सारी कहावते इसी नवाब पर बनाई गई है। असल में आपको जानकार हैरानी होगी कि नवाब वाजिद अली की 300 से भी ज्यादा पत्नियां थी।

नवाब वाजिद अपनी पत्नियों और सेवकों पर ही पूरी तरह निर्भर रहते थे। यहां तक वह अपनी जूतियां भी अपने हाथों से नहीं पहनते थे। और यहीं वजह थी कि वाजिद अली ब्रिटिश सरकार की पकड़ में आ गए और उन्हें अपना साम्राज्य छोड़ना पड़ा। असल में 1856 में ब्रिटिश सरकार ने अवध पर कब्जा करने के लिए वाजिद अली के लखनऊ के महल पर हमला कर दिया था।

जूतियों के कारण अंग्रेजों की गिरफ्त में आ गए नवाब

हमले की खबर सैनिकों तो क्या नवाब तक को तब हुई जब हमला हो चुका था। ऐसे में जब ब्रिटिश सरकार हमला करते हुए महल में आ गई तो सेवादारों ने अंग्रेजों के डर से महल छोड़ कर भागना शुरु कर दिया। यहीं नहीं वाजिद अली की पत्नियां भी महल में कहीं छुप गई जबकि कई बेगम तो महल छोड़ कर भाग गई।

ऐसे में वाजिद अली अपने कमरे में ही रह गए। और ब्रिटिश सरकार ने उन्हें बंदी बना लिया। अंग्रेजों ने जब नवाब वाजिद अली से पूछा कि जब सब लोग महल छोड़ भाग गए तब आप क्यों नहीं भागे तो नवाब ने अपने जवाब में कहा था कि उनकी जूतियां अभी तक मिलीं नहीं हैं, ऐसे में वे भागते कैसे।

बेगम हजरत ने छेड़ दी थी जंग

अंग्रेजों ने नवाज वाजिद अली को कलकत्ता के मटियाबुर्ज के कारावास में भेज दिया था। जिसके बाद उनकी पत्नी बेगम हजरत महल ने जंग छेड़ कर अपने पति को छुड़ाने की ठान ली। इसमें उनका साथ वाजिद अन्य पत्नियों ने भी दिया था। बेगम हजरत महल ने चिनहट और दिलकुशा में तो अंग्रेजों को हार का मुंह दिखा दिया। लेकिन 1879 में नेपाल में उनकी मृृत्यु हो गई।

Related Articles

Back to top button