किसी को भूखा न सोना पड़े इसलिए दिल्ली की श्याम रसोई 1 रुपए में गरीबों को खिला रही है भरपेट खाना
हर किसी व्यक्ति के लिए भोजन बहुत ही जरूरी है। भोजन के बिना हम लोग जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। भोजन हमारे पेट को भरता है और हमारे शरीर को ऊर्जा भी भोजन से ही मिलती है, जिससे हम काम करते हैं और यह मांसपेशियों को मजबूत करता है। अगर हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखना है तो भोजन इसके लिए बहुत ही जरूरी है।
लेकिन मौजूदा समय में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें एक टाइम का भोजन भी बहुत मुश्किल से नसीब होता है। हमारे देश में लाखों लोग दो जून की रोटी की व्यवस्था करने में भी नाकाम हो जाते हैं। मजबूरी और गरीबी की वजह से लोगों को भूखे पेट ही सोना पड़ जाता है। परंतु ऐसा नहीं है कि इस तरह के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए लोग सामने नहीं आते हैं।
दुनिया में कुछ नेक लोग ऐसे भी हैं, जो गरीब लोगों के लिए काम कर रहे हैं ताकि कोई भी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति भूखा ना सोए। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से दिल्ली के एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो महज एक रुपए में जरूरतमंद लोगों को भरपेट भोजन करवा रहा है।
दिल्ली की श्याम रसोई में मिलता है 1 रुपए में खाना
दरअसल, आज हम आपको जिस शख्स के बारे में बता रहे हैं वह दिल्ली के परवीन कुमार गोयल हैं, जो गरीब लोगों के लिए मसीहा बनकर आए हैं। 51 साल के परवीन कुमार गोयल गरीब लोगों को खाना मिल सके, इसलिए रोज श्याम रसोई लगाते हैं, जिसके जरिए मात्र 1 रुपए में गरीब लोगों को भरपेट खाना दिया जाता है।
2 महीने से कर रहे हैं यह काम
परवीन कुमार गोयल के द्वारा नागलोई के भुट्टो गली में श्याम रसोई लगाई जाती है, जो कि सुबह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक खुली रहती है। यहां पर आने वाले लोगों को सिर्फ एक रुपए में खाने की थाली दी जाती है। शाम रसोई के बाहर ना सिर्फ गरीब, बल्कि हर वर्ग के लोग लाइन में लगे रहते हैं।
परवीन कुमार गोयल पिछले 2 महीने से श्याम रसोई चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम यहां 1000 से 1100 लोगों को खाना खिलाते हैं और तीन ई-रिक्शा के जरिए इंद्रलोक, साईं मंदिर जैसे आसपास के इलाकों में पार्सल भी उपलब्ध कराते हैं। श्याम रसोई में लगभग 2000 दिल्लीवासी भोजन करते हैं।
दान करते हैं लोग
परवीन कुमार गोयल का ऐसा बताना है कि बहुत सारे लोग उनकी मदद के लिए आगे भी आए हैं और खाने की चीजों का दान भी करते हैं ताकि वह आसानी से इस रसोई को चला सकें। परवीन कुमार गोयल के मुताबिक, हमें लोगों से दान मिलता है। कल एक बूढ़ी औरत आई और हमें राशन देने की पेशकश करके गई।
इसी तरह से कुछ लोग हमें गेहूं देते हैं। इस तरह से हम पिछले 2 महीनों से यह रसोई चला रहे हैं। खाने की चीजों के अलावा लोग हमें डिजिटल भुगतान भी कर रहे हैं। हमारे पास सात और दिन चलने की क्षमता है, साथ ही मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वह राशन की मदद करें और इस सेवा को जारी रखें।”
आपको बता दें कि वर्तमान में परवीन कुमार गोयल के साथ छह हेल्पर हैं, जिन्हें वह बिक्री के आधार पर 300-400 रुपए का भुगतान करते हैं, जबकि कुछ स्थानीय और कॉलेज के छात्र उनकी मदद करने के लिए आते हैं। पहले प्रति थाली की कीमत ₹10 थी लेकिन पिछले 2 महीनों के लिए यह अधिक लोगों को आकर्षित करने के लिए ₹1 कर दी गई। इस कार्य के लिए एक व्यापारी रंजीत सिंह ने परवीन कुमार गोयल को यह दुकान दी है।