नासा की भविष्यवाणी : दुनिया में जल्द आएगा सबसे बड़ा प्रलय, समुद्र में डूब जाएगी धरती
दुनिया में आने वाले प्रलय को लेकर तो आपने कई खबरे सुनी ही होगी। कई बार भविष्यवाणियों में तो कई बार किसी रिपोर्ट में भविष्यवाणियों के सच होने को लेकर तो कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन इस बार फिर हमारे वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक दुनिया में प्रलय आने की तैयारी शुरु हो चुकी है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कुछ ही सालों में ऐसी प्रलय आ जाएगी जिसमें दुनिया का बड़ा हिस्सा समुद्र में डूब जाएगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक 28 साल बाद यानी साल 2050 तक दुनिया भर के समुद्रों का जलस्तर करीब एक फीट तक बढ़ जाएगा। आपको बता दें कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन नोआ ने कई सालों तक इस विषय पर स्टडी कर यह रिपोर्ट तैयार की हैै।
100 सालों में सबसे ज्यादा बड़ा जलस्तर
नासा की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका और इसके आसपास के इलाकोें में स्टडी करने के बाद ही यह रिपोर्ट बनाई है। इस रिपोर्ट में बताया गया हैै कि 28 सालों बाद समुद्रों के जलस्तर में जो बढ़ोतरी होगी वो करीब 100 सालों की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी होगी। जलस्तर में इस तरह की बढ़ोतरी होने से धरती को काफी नुकसान होने वाला है।
इंसानों की गलतियों के कारण ही आएगी तबाही
ऐसे में धरती को होने वाले इस नुकसान को रोकने के लिए अभी से ही सही कदम उठाना जरुरी है, नहीं तो होने वाली इस तबाही को कोई भी नहीं रोक पाएगा। हालांकि समुद्र में बढ़ने वाले जलस्तर के दोषी भी हम ही है। इंसानों के प्रदुषण करने के व्यवहार के कारण ही आज दुनिया पर यह गहरा संकट आ गया है।
आपको बता दें कि नासा और नोआ के ये वैज्ञानिक पिछले बीस सालों से इस विषय पर स्टडी कर रहे हैं। अपने बीस सालों के रिसर्च के बाद ही इन वैज्ञानिकों ने इस समस्या को जाना है। इन वैज्ञानिकों की रिपोर्ट कई हद तक सही भी मानी जा रही है। पिछले कुछ सालों में दुनियाभर के समुद्रों के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी देखी गई है।.
तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर
इन वैज्ञानिकों के मुताबिक बदलती जलवायु से ही समुुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। जलवायु में इस तरह के बदलावों के लिए भी ग्लोबल वार्मिंग ही है। ग्लोबल वार्मिंग से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। ऐसे में समुद्रों का जलस्तर भी बढ़ रहा हैं। समुद्रों में इस तरह से बढ़ते जलस्तर के कारण ही लोगों को आए दिन नए तूफानों का सामना करना पड़ रहा है। जिसका असर लोगों की जिंदगियों पर भी देखने को मिल रहा हैै।