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यूक्रेन से भारत आने के लिए छात्र ने किया इंकार, कहा मैं अपंने कुत्ते को छोड़ कर कहीं नहीं जाऊँगा

भारत अकेला ऐसा देश है जिसने अपने नागरिकों को यूक्रेन से वापस लाना शुरू किया है, बाकी देशों को अपने नागरिक की चिंता नहीं

यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग में कई देशों के छात्र फंस गए है। ऐसे में भारत ने अपने छात्रों को यूक्रेन से वापस अपने देश लाने के लिए स्पेशल मिशन शुरु किया है। इस मिशन को भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा का नाम दिया है। इस मिशन के तहत अब तक हजारों छात्रों की वतन वापसी हो चुकी है। जबकि अब भी कई छात्र यूक्रेन में ही फंसे हुए हैं।

इसी बीच एक ऐसा छात्र भी सामने आया है जिसने भारत वापस आने की फ्लाइट को छोड़ दिया। इस छात्र ने यूक्रेन के जंग भरे माहौल में रहना मंजूर किया लेकिन इसने भारत आने वाली फ्लाइट को नहीं पकड़ा। इस छात्र के ऐसा करने के पीछे की वजह को जानकर आप हैरान रह जाएगे।

इस छात्र के बारे में आपको बता दें कि इस छात्र का नाम ऋषभ कोशिक बताया जा रहा हैं। यह छात्र यूक्रेन के खारकिव की नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रेडियो इलेक्ट्रॉनिक्स में सॉफ्टवेयर इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। ऋषभ ने यूक्रेन में जंग के इस माहौल के बाद भी भारत वापस आने से मना कर दिया।

अपने कुत्ते को लिए बिना कहीं नहीं जाना चाहता ये छात्र

पूछे जाने पर ऋषभ ने बताया कि वह अपने पेट डॉग को छोड़कर कहीं नहीं जा सकता। ऋषभ का कहना था कि वे भारत तो आना चाहते हैं लेकिन वे अपने पालतू कुत्ते को यूक्रेन में छोड़ कर नहीं जा सकते हैं।

ऋषभ ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह कोशिश कर रहा है कि उसे उसके पेट के साथ ही देश वापस लौटने को मिले लेकिन अब तक उसे ऐसा कोई अप्रूवल नहीं मिला है। इसलिए वह अपने डॉग को छोड़ कर यूक्रेन नहीं छोड़ सकता।

ऋषभ ने आगे कहा कि मैं जानता हूं कि रुकने में रिस्क है मगर मैं उसे यूं ही नहीं छोड़ सकता। मैं चला गया तो उसका ध्यान कौन रखेगा? आपको बता दें कि ऋषभ के पेट डॉग का नाम मैलिबू है। उन्होंने इसे वहां के ही एक लोकल निवासी से खरीदा था। ऋषभ ने बताया कि हमला होने से पहले वे खारकिव में ही थे लेकिन हमला होने के बाद वे वतन वापसी के लिए अपने पेट डॉग के साथ कीव चले गए। हालांकि यह पहला मामला नहीं है।

नेक काम के लिए इस छात्रा ने भी वापस आने से किया इंकार

जहां किसी भारतीय छात्र ने यूक्रेन से वापस आने के लिए इंकार कर दिया हो। इसके अलावा यूक्रेन में भारत की एक मेडिकल छात्रा ने भी युद्ध के दौरान देश छोड़ने से मना कर दिया है। इस छात्रा ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वह यूक्रेन के एक घर में किराए पर रहती हैं। जिसके मकान मालिक ने अपने देश की रक्षा करने के लिए यूक्रेन सेना के साथ मिलकर हथियार उठाने का फैसला लिया है।

ऐसे में इस छात्रा ने अपने मकान मालिक के परिवार की देखरेख करने का फैसला लिया है। इस परिवार में मकान मालिक की पत्नी और तीन बच्चे हैं। जिनकी देखरेख की जिम्मेदारी इस छात्रा ने उठाई है। इस छात्रा ने अपनी मां को कहा है कि मैं जिंदा रहूं या न रहूं, लेकिन मैं इन बच्चों और इनकी मां को इस हालत में नहीं छोड़ूंगी।

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