बॉलीवुड

सिर्फ ₹3 लेकर मुंबई आ गए थे देव आनंद, हीरो बनने से पहले ब्रिटिश सरकार के ऑफिस में करते थे नौकरी

देव आनंद जी बॉलीवुड इंडस्ट्री के एक सदाबहार कलाकार रहे हैं। वह एक ऐसे कलाकार रहे हैं जिन्होंने अपने हुनर, अदाकारी और रूमानियत का जादू लगभग छह दशकों तक बिखेरा और लाखों दर्शकों के दिलों पर राज किया। अभिनेता देव आनंद हिंदी सिनेमा के सबसे कामयाब अभिनेताओं की लिस्ट में गिने जाते हैं। उनकी फ़िल्में, अभिनय, स्टाइल कोई ऐसी चीज नहीं जिस पर दर्शक दिल ना हारे हों।

भले ही दिग्गज अभिनेता और सदाबहार सुपरस्टार देव आनंद हमारे बीच में नहीं रहे परंतु फिल्मों में की गई उनकी अदायगी आज भी लोगों के जेहन में ताजा रहती हैं। बॉलीवुड इंडस्ट्री में ना जाने कितने अभिनेता आए और चले गए परंतु शायद ही कोई लीजेंड एक्टर देव आनंद को टक्कर दे पाया।

देवानंद अपने समय के एक ऐसे अभिनेता थे जिनकी दीवानगी लोगों के सिर चढ़कर बोलती थी और लोग उनकी एक झलक पाने के लिए बेकरार रहा करते थे। देव आनंद जी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 1946 में फिल्म “हम एक हैं” से की थी। इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में अभिनय किया और अपने बेहतरीन अभिनय के दम पर लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई।

शायद ही ऐसे बहुत कम लोगों होंगे जिनको इस बात की जानकारी होगी कि देव आनंद साहब एक्टिंग में अपना करियर बनाने के लिए जब मुंबई आए थे तो उनकी जेब में सिर्फ ₹3 ही थे। जी हां, महज 3 रूपये लेकर वह अपने सफर की शुरुआत करने के लिए निकले थे परंतु कुछ सालों के बाद देव आनंद साहब पर्दे के सबसे बड़े स्टार बन गए।

दरअसल, बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने अपने टि्वटर हैंडल से देव आनंद साहब का एक पुराना इंटरव्यू साझा किया है, जिसमें वह अपने करियर के शुरुआत के दिनों के बारे में बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं।

एक्टर धर्मेंद्र ने ट्विटर से इंटरव्यू किया शेयर

अभिनेता धर्मेंद्र ने अपने टि्वटर हैंडल से एक पुराना इंटरव्यू का क्लिप शेयर किया है। धर्मेंद्र ने देव आनंद साहब को याद करते हुए उनका एक वीडियो क्लिप शेयर किया है और इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि “दोस्तों, हमारे प्यारे देव साहब की वह बातें जो प्यार भरी हैं।” इस इंटरव्यू में देव आनंद साहब अपनी जिंदगी से जुड़ी हुई बातों को बताते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो में शो के होस्ट देवानंद साहब कहते हैं कि लोग जानना चाहते हैं कि अगर आप पंजाब से हैं लाहौर से है तो पंजाबी बोलते होंगे।


देव आनंद साहब कहते हैं कि “मैं पंजाबी हूं। गुरदासपुर का रहने वाला हूं। जब देश का बंटवारा हुआ तब बड़ा झगड़ा हुआ था। गुरदासपुर पाकिस्तान जाएगा कि हिंदुस्तान जाएगा। मेरे पिताजी गुरदासपुर में थे और मैं बंबई में था।” घर पर कौन सी भाषा बोलते हैं इस पर जब देव साहब से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “पंजाबी या हिंदी या अंग्रेजी, मेरी पैदाइश गुरदासपुर की है।

उसके बाद मेरे पिताजी ने डलहौजी में मुझे कान्वेंट में दे दिया। फिर मैं कॉलेज में लाहौर गया, फिर 1943 में बीए पास करने के बाद में एमए करना चाहता था लेकिन एमए कराने के लिए मेरे पिता के पास इतने पैसे नहीं थे और मेरे दिमाग से बात निकली कि मुझे एक्टर बनना है।”

देव साहब कहते हैं कि “मैंने किसी की बात नहीं सुनी लेकिन पैसे आएंगे कहां से। 3 रुपए लेकर मेरे दोस्त की गाड़ी से मैं बंबई पहुंच गया और फिर ढाई साल तक मेहनत की. मैं एक बहुत शानदार कॉलेज से हूं और उम्दा एजुकेशन और ढेर सारा कॉन्फिडेंस। मुझे लगता है इंसान का आत्मविश्वास ही उसकी संपत्ति है, पैसों से बड़ा और जो व्यक्ति आपसे आपका आत्मविश्वास छीन लेता है वह आपका सबसे बड़ा दुश्मन है।”

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