धार्मिक

मां लक्ष्मी का फेवरेट है लक्ष्मणा पौधा, घर की इस दिशा में लगाने से बनते हैं मालामाल

बहुत से लोगों को घर में पेड़ पौधे लगाने का शौक होता है। वास्तु और धार्मिक दृष्टिकोण से भी इन्हें घर आंगन में लगाना बड़ा शुभ माना जाता है। कहते हैं की इनमें दैवीय शक्ति मौजूद रहती है, जिसके चलते घर में एक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। आप ने भी अपने घर में कई पौधे लगाएं और देखें होंगे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे खास पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे लगाने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है।

लक्ष्मणा पौधे से प्रसन्न होती है मां लक्ष्मी

‘लक्ष्मणा’ एक ऐसा पौधा है जिसे घर में लगाने से धन से जुड़ी सभी समस्या खत्म हो जाती है। इसकी वजह ये है कि इस पौधे से धन की देवी मां लक्ष्मी बड़ी प्रसन्न होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मणा पौधे और धन मां लक्ष्मी में खास संबंध होता है। इसे घर लगाने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। घर में पैसों की कभी कोई कमी नहीं आती है।

दूर होती है नकारात्मक ऊर्जा

लक्ष्मणा पौधा घर की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त करता है। ये घर में पॉजिटिव एनर्जी का लेवल बढ़ाता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं, जिस घर में सकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है वहाँ हमेशा मां लक्ष्मी निवास करती है। ऐसे में उस घर न सिर्फ बरकत बनी रहती है बल्कि अन्य दुख दर्द भी दूर हो जाते हैं। नेगेटिव ऊर्जा के नष्ट होने से घर में बीमारी रोग भी नहीं आते हैं। बुरी शक्तियां भी दूर रहती हैं।

ऐसा होता है लक्ष्मणा का पौधा

लक्ष्मणा पौधा बेल प्रजाति का होता है। इसकी पत्तियां पान या पीपल के पत्ते जैसी होती है। आयुर्वेद में में इस पौधे का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है। कुछ लोग इसे ‘लक्ष्मण बूटी’ भी कहते हैं। मान्यता है कि ये पौधा अपनी ओर धन को आकर्षित करता है। इसे लगाने से आर्थिक समस्या नहीं आती है। घर के सदस्यों की आमदनी बढ़ती है। घर में खुशी का माहौल रहता है। लड़ाई झगड़े भी नहीं होते हैं।

इस दिशा में लगाएं लक्ष्मणा का पौधा

लक्ष्मणा का पौधा घर की पूरब या पूर्व-उत्तर की दिशा में लगाना चाहिए। उत्तर दिशा को धन का कारक माना जाता है। इस दिशा में धन के देवता कुबेर वास करते हैं। इसलिए इस दिशा में लक्ष्मणा के पौधे को लगाने से घर में धन का आना रुकता ही नहीं है। वहीं व्यर्थ पैसा खर्च भी नहीं होता है। धन कमाने के नए अवसर मिलते हैं। अचानक धन की प्राप्ति के योग भी बनते हैं।

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