अजब ग़जब

यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाकर छा गई ये महिला पायलट, अब सोशल पर लूट रही तारीफें

रुस यूक्रेन के बिच चल रही जंग को लेकर आपने कई नेगेटिव खबरों को देखा होगा लेकिन आज हम आपको जो बताने वाले हैं। वह एक ऐसी खबर है जिसे पढ़ने के बाद आप भी पॉजिटिविटी से भर जाएंगे। रूस और यूक्रेन में हो रही जंग का असर भारत के लोगों पर भी साफ तौर पर देखने को मिला था।

हजारों भारतीय लोगों के बच्चे इस युद्ध के कारण यूक्रेन में फंस गए थे। ऐसे में इन छात्रों को वापस अपने देश लाने के लिए सरकार ने भी कड़ी मेहनत की। सरकार ने युद्धभूमि से अपने हजारों छात्रों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरु किया। जिसके तहत अब तक हजारों छात्रों को यूक्रेन से वापस लाया जा चुका हैं।

ऐसे में इन छात्रों को दोबारा अपने देश लाने के सफर में एक भारतीय महिला पायलट इन दिनों खुब चर्चा का विषय बनी हुई हैं। दरअसल इस महिला पायलेट ने यूक्रेन के अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए 800 से भी ज्यादा भारतीय छात्रों को अपने देश वापस लाया है। बताया जा रहा है कि यह महिला पायलट मात्र 24 साल की हैं। इनका नाम महाश्वेता चक्रवर्ती है। यह कोलकाता की रहने वाली हैं।

 

सोशल मीडिया पर हो रही तारीफे

मीडिया रिपोर्ट की माने तो महाश्वेता ने इन छात्रों को यूक्रेन की सीमा से बाहर लाने के लिए करीब छह उड़ानें भरी थीं। खबरों के मुताबिक महाश्वेता भी केंद्र सरकार के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन गंगा का हिस्सा थी। जिसके चलते उन्होंने छात्रों को बचाने के लिए 27 फरवरी से 7 मार्च के बीच छह निकासी उड़ानें भरीं।

 

आपको बता दें कि महाश्वेता ने भारतीय छात्रों को बचाने के लिए चार उड़ाने पोलैंड से और दो हंगरी से उड़ानें भरी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर यह पायलट देखते ही देखते स्टार बन गई। सबसे पहले इस महिला पायलट के लिए भाजपा महिला मोर्चा के ट्विटर अकाउंट द्वारा एक ट्वीट किया गया था जिसमें इस युवा पायलट की खूब तारीफ की गई।

वंदे भारत मिशन का भी रही थी हिस्सा

इसके साथ लिखा गया था कि कोलकाता के 24 वर्षीय पायलट महाश्वेता चक्रवर्ती ने यूक्रेन, पोलैंड और हंगरी की सीमा से 800 से अधिक भारतीय छात्रों को बचाया। उनके लिए बहुत सम्मान। आपको बता दें कि महाश्वेता मां तनुजा चक्रवर्ती भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। इससे पहले महाश्वेता कोरोना महामारी के कारण दूसरे देशों में फंसे भारतीय लोगों को निकालने के लिए चलाए गए वंदे भारत मिशन का भी हिस्सा रही थी।

चार सालों से उड़ा रही हवाईजहाज

आपको बता दें कि महाश्वेता पिछले चार सालों से एक प्राइवेट कैरियर में उड़ान भर रही हैं। ऐसे में जब महाश्वेता से मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा कि जब देर रात उन्हें फोन आया और बताया कि उन्हें बचाव के लिए चुना गया है। तो वे तुरंत तैयार हो गई। महाश्वेता ने कहा कि मैं उनकी लड़ाई की भावना को सलाम करती हूं और उनके घर वापस आने के सफर में अपनी भूमिका निभाने पर बेहद गर्व महसूस कर रही हूं।

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