विशेष

स्टेशन पर यात्रियों का बोझ उठाने वाला कुली बना IAS अधिकारी, फ्री WiFi से की थी UPSC की तैयारी

कामयाबी तो हर कोई इंसान पाना चाहता है लेकिन सभी को हासिल हो, ऐसा संभव नहीं है। लोग अपने जीवन में दिन-रात कड़ी मेहनत करके कामयाबी की बुलंदियां हासिल करना चाहते हैं परंतु कुछ एक ही लोग होते हैं जिन्हें अपने जीवन में कामयाबी मिल पाती है। वहीं ज्यादातर लोगों को असफलता का सामना करना पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर कामयाबी पानी है तो इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए। निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

सफलता के मार्ग में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इनके आगे अपने घुटने टेक देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपनी मंजिल नहीं मिल पाती है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनका लक्ष्य ही उनके लिए सब कुछ होता है, जिसके चलते वह हर कठिनाई का डटकर सामना करते हैं और आखिर में अपनी मेहनत और मजबूत हौसले के दम पर वह कामयाबी हासिल कर लेते हैं।

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से रेलवे स्टेशन पर कुली रह चुके केरल के श्रीनाथ की सफलता की कहानी बताने वाले हैं, जिन्होंने एक समय पहले रेलवे स्टेशन पर कुली बन कर यात्रियों का बोझ उठाया था परंतु आज वह अपनी मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बन गए हैं।

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का बोझ उठाने वाला बना IAS अधिकारी

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं सिविल सेवा की परीक्षा यानी यूपीएससी सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। आप ऐसा समझ लीजिए कि यह परीक्षा एक चक्रव्यूह की तरह है लेकिन श्रीनाथ इस चक्रव्यूह में घुसे और बिना किसी मदद से उन्होंने इसे पास भी कर लिया। लोग यूपीएससी की परीक्षा के लिए अच्छे से अच्छा कोचिंग इंस्टिट्यूट की मदद लेते हैं परंतु केरल के श्रीनाथ ने इस कठिन परीक्षा को बिना किसी कोचिंग के ही खुद के दम पर पास किया है।

श्रीनाथ जब यूपीएससी की कठिन परीक्षा की तैयारी कर रहे थे तो उस दौरान वह रेलवे स्टेशन पर कुली का काम किया करते थे। श्रीनाथ मुन्नार के मूल निवासी हैं। इन्होंने सबसे पहले केरल पब्लिक सर्विस कमीशन और फिर यूपीएससी में कामयाबी हासिल की।

श्रीनाथ परिवार में थे अकेले कमाने वाले

श्रीनाथ के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। घर का गुजारा चलाने के लिए उनको एर्नाकुलम स्टेशन पर कुली का काम करना पड़ा। परिवार में एक श्रीनाथ ही थे जिनकी कमाई से घर खर्च चलता था। साल 2018 की बात है, जब श्रीनाथ ने यह निर्णय ले लिया कि वह अपनी कड़ी मेहनत से कोई बड़ा पद हासिल करेंगे, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़े और वह अपनी बेटी का भविष्य उज्जवल भी कर सकें, जिसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने की ठान ली लेकिन आर्थिक स्थिति उनकी ठीक नहीं थी, जो उनके इस सपने के बीच में बाधा बन रही थी।

स्टेशन के फ्री WiFi से की यूपीएससी की तैयारी

श्रीनाथ के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह किसी कोचिंग सेंटर की फीस दे सकें। उनके मन में यही चल रहा था कि बिना कोचिंग सेंटर के वह इस कठिन परीक्षा को पास नहीं कर सकते हैं। इसी कारण से उन्होंने KPSC की तैयारी आरंभ कर दी। उन्होंने रेलवे स्टेशन पर लगे फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल किया। वह अपने स्मार्टफोन पर इस वाईफाई से परीक्षा की तैयारी में जुट गए।

जब भी श्रीनाथ को कुली के काम से समय मिलता था, तो वह खाली समय में ऑनलाइन लेक्चर सुना करते थे। उन्होंने अपनी लगन और मेहनत के दम पर KPSC में कामयाबी हासिल की और उनके मन में यह विश्वास बन गया था कि वह इस फ्री वाई-फाई की सहायता से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर उसमें सफलता भी हासिल कर लेंगे।

खुद की मेहनत के दम पर पाई कामयाबी


श्रीनाथ के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करना इतना आसान नहीं था परंतु उनके बुलंद हौसलों के आगे सारी परेशानियां छोटी पड़ गई। वह स्टेशन पर लगे फ्री वाई-फाई की मदद से यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। किसी के लिए भी बिना कोचिंग के लिए यूपीएससी की तैयारी कर पाना इतना सरल नहीं होता है लेकिन श्रीनाथ लगातार मेहनत करते रहे।

श्रीनाथ को पहले 3 प्रयासों में असफलता का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार कोशिश और मेहनत करते रहे। आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने चौथे प्रयास में इस कठिन परीक्षा को पास कर लिया और आईएएस अधिकारी बन गए। आईएएस अधिकारी बनकर श्रीनाथ ने उन लाखों छात्रों के लिए एक मिसाल कायम किया है, जो सोचते हैं कि गरीबी उन्हें आगे नहीं बढ़ने देगी।

Related Articles

Back to top button