मां का अपमान देख IPS बनीं बस कंडेक्टर की बेटी, आज नाम सुनते ही थर्र-थर्र कांपते हैं दुश्मन
कभी-कभी जिंदगी में मिला अपमान भी आप को सही रास्ते पर लाकर खड़ा कर देता है। यदि अपमान का बदला सहज स्वाभाव से लिए जाए तो ये आपको बहुत कुछ हासिल करा सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ हिमाचल के एक छोटे से गांव की रहने वाली IPS शालिनी अग्निहोत्री के साथ।
शालिनी एक बार अपनी मां के साथ बस में सफर कर कहीं जा रही थी। तभी उन्होंने देखा कि सीट पर बैठी उनकी मां के पीछे एक व्यक्ति लगातार उन्हें हाथ लगा रहा था जिसके चलते उनकी मां ठीक से बैठ नहीं पा रही थी। इतना ही नहीं बल्कि शालिनी की मां ने उस व्यक्ति को काफी बार टोका भी लेकिन वह जरा नहीं माना और लोगों से भरी बस में उसने झल्लाते हुए कह दिया कि तुम कहीं की डीसी हो जो तुम्हारी बात मान लेंगे।
बस यही से शालिनी अग्निहोत्री के मन में अफसर बनने का जज्बा जगा। मां के साथ हुई बदतमीजी की आग में शालिनी ने वो कर दिखाया जिसके बारे में उन्होंने पहले कभी नहीं सोचा था। हिमाचल प्रदेश के ऊना के छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाली शालिनी अग्निहोत्री ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर दी, लेकिन इसके बारे में उन्होंने घरवालों को नहीं बताया।
दरअसल, यूपीएससी एग्जाम बहुत कठिन होता है ऐसे में वह नहीं चाहती थी कि इसमें अगर वह फेल हो जाए तो उनके माता पिता निराश हो। ऐसे में उन्होंने बिना बताए इसकी पढ़ाई करना शुरू कर दी।
शालिनी ने इसके बारे में बताया कि, “मुझे 10वीं की परीक्षा में 92 प्रतिशत से ज्यादा नंबर मिले थे, लेकिन 12वीं में सिर्फ 77 प्रतिशत नंबर ही आए। इसके बावजूद मेरे पैरेंट्स ने मुझपर भरोसा जताया और मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया।” रिपोर्ट की माने तो कॉलेज के बाद शालिनी यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करती थी। इसके लिए उन्होंने ना तो किसी कोचिंग की मदद ली और ना ही वह किसी बड़े शहर में गई। बल्कि उन्होंने घरवालों से छुपके छुपाते ही इसकी तैयारी जारी रखी। इसके बाद साल 2011 मई में यूपीएससी की परीक्षा दी और 2012 में उनका परिणाम आ गया जिसमें वह ऑल इंडिया में 285वी रैंक हासिल कर आईपीएस बनी।
रिपोर्ट की मानें तो शालिनी की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग हिमाचल में मिली। यहां पर उन्होंने कुल्लू में पुलिस अधीक्षक का पदभार संभाला और कई अपराधियों को सलाखों के पीछे डालने में कामयाब रही। बता दें, आज शालिनी अग्निहोत्री की गिनती सबसे साहसी और निडर आईपीएस में होती है। वह जो ठान लेती है वह करके ही दिखाती है। कहा जाता है कि शालिनी ने अपनी शख्सियत ऐसी बनाई है कि दुश्मन उनके नाम से थरथर कांप उठते हैं। इतना ही नहीं बल्कि शालिनी को अपनी काबिलियत के चलते प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठित बेटन और गृहमंत्री की रिवाल्वर भी दी गई है। इसके अलावा शालिनी को बेस्ट ट्रेनिंग का अवार्ड भी मिला है।
बता दें,शालिनी के पिता रमेश अग्निहोत्री बस कंडक्टर थे लेकिन उन्होंने कभी भी अपने बच्चों की पढ़ाई में अड़चन नहीं आने दी। वहीं उनके बच्चों ने भी अपनी पढ़ाई में जीतोड़ मेहनत की और नाम रोशन किया। शालिनी की बड़ी बहन डॉक्टर है और उनका भाई एनडीए पास करके आर्मी में अपनी सेवाएं दे रहा है।