अजब ग़जब

हर घंटे असहनीय दर्द झेल रहा यह बच्चा, छूने से ही टूट जाती हैं हडि्डयां, बयां किया दर्द

अजीबोगरीब बीमारी से जूझ रहा यह बच्चा, 12 साल में 100 बार टूट चुकी हडि्डयां

इन दिनों दुनिया के कई देशों में बच्चे कई तरह की अजीब बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। हमारे देश भारत में भी कई ऐसे बच्चे है जो दुर्लभ बीमारी से ग्रसित हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही बच्चे के बारे में बता रहे हैं जिसकी बीमारी के बारे में जानकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है।

कांच की तरह टूट जाती है हड्डियां

जरा सोचिए अगर आप किसी बच्चे के शरीर को हाथ से सिर्फ टच कर दें और बच्चे के शरीर की हड्डियां शीशे की तरह टूटने लग जाएं तो… यह देखकर आप भी हैरानी में ही पड़ जाएंगे ना। हम आपको आज जिस बच्चे के बारे में बता रहे हैं वह ऐसी ही एक बीमारी से जूझ रहा है। जब भी कोई इस बच्चे को हाथ लगाता है या गोद में उठाता है तो उसके शरीर की हड्डियां टूट जाती हैं।

12 साल का होते हुए भी 2-3 साल बड़ा

यह पूरा मामला अलीगढ़ के देहली गेट थाना इलाके के घुडिया बाग मोहल्ले का है। जहां 12 वर्षीय रोहित के शरीर से कोई भी व्यक्ति हाथ टच कर दे तो शरीर की हड्डियां टूट जाती हैं। कहने को तो रोहित 12 साल का है लेकिन वह आज भी 2-3 साल के बच्चे जितना बड़ा है। आज हर घंटे असहनीय दर्द सह रहा है। कोई उसे प्यार करने या दुलारने के लिए उसके नजदीक जाता है तो भी वह डर से सहम जाता है।

बच्चे को देखते ही भागने लगा अस्पताल का स्टाफ

रोहित के दर्द की कहानी उसके जन्म के साथ ही शुरू हो गई। रोहित का जन्म 2012 में अलीगढ़ के मोहनलाल गौतम जिला महिला चिकित्सालय में हुआ था। जब यह पैदा हुआ तो सामान्य बच्चे की तरह नहीं बल्कि, पोटली के आकार का था, जिससे डॉक्टरों की टीम डर-सी गई। नर्स और स्टाफ भागने लगी, लेकिन जब बड़े डॉक्टरों ने सभी को समझाया तो फिर स्थितियां सामान्य हुई। फिर अस्पताल की टीम ने रोहित को छुआ।

जांच में सामने आई ये चीज

जन्म के बाद उसे मां के साथ रखा गया। जन्म के कुछ देर बाद से ही उसने रोना शुरू कर दिया और सारी रात रोता ही रहा। दूध पिलाने से भी वह शांत नहीं हो रहा था। सुबह जब डॉक्टर आए और उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने बच्चे की जांच की। लेकिन उन्होंने जांच में पाया कि बच्चे के दोनों पैरों की हड्डियां, एक पसली और एक हाथ की हड्‌डी टूटी थी। इसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ।

इलाज कराते-कराते ही खत्म हो गए पैसे

डॉक्टरों ने काफी प्रयास किए थे, लेकिन रोहित स्वस्थ नहीं हुआ। कई जगह से हड्डी टूटी हुई थी।कई साल तक रोहित के माता-पिता ने उसका इलाज कराया, लेकिन धीरे-धीरे उनका पैसा खत्म होने लगा। रोहित की मां ने बताया कि, ‘उनके पति मुकेश चंद्र मजदूरी करते हैं। उनके दो बच्चे और हैं, वह दोनों सामान्य हैं। रवेंद्र दिल्ली में नौकरी कर रहा है और राधा अभी पढ़ रही है। रोहित सबसे छोटा है।’

बड़ा अधिकारी बनना चाहता है रोहित

रोहित ने बताया कि, ”मम्मी मुझे एडमिशन के लिए स्कूल ले गई, मगर मेरा एडमिश नहीं हो सका है, मुझे पढ़ने का बहुत शौक है। मुझे कोई गोदी में उठा ले तो मेरी हड्डी टूट जाती है, मुझे केवल मम्मी ही उठा पाती हैं। रोहित ने कहा, मैं पढ़ना चाहता हूं और एक अधिकारी बनना चाहता हूं। मैं गरीब बच्चों को पढ़ा कर आगे बढ़ाना चाहता हूं। ”

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस? 

बता दें रोहित ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी से जूझ रहा है। इसमें उसकी हड्डियां इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि कोई उसे गलत तरीके से सिर्फ छू भर ले तो उसकी हड्‌डी टूट जाती हैं। बीमारी 50 हजार बच्चों में से 1 बच्चे में पाई जाती है। इन बच्चों की आयु काफी कम होती है। ऐसे बच्चे का परिवार के लोग अच्छे से रखरखाव करें।

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