Karwa Chauth 2022: भूलकर भी अपनी जीवन संगिनी को न दें इस तरह के उपहार, वरना होगा अशुभ
सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन महिला के लिए बहुत मायने रखता है. हर वर्ष कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत किया जाता है. सुहागिन महिला इस व्रत को अपने पति की दीर्घायु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती है. महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं. इस बार ये व्रत 13 अक्टूबर, 2022 गुरुवार के दिन रखा जाएगा.
पति के लिए पत्नी जहां दिन भर निर्जला व्रत रखती है तो पति भी पत्नी के लिए कुछ न कुछ करता है. अमूमन हर पति अपनी पत्नी को उपहार में कुछ गिफ्ट देते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसी चीजें हैं जो करवा चौथ पर पत्नी को तौहफे में नहीं देना चाहिए. अगर आप भी पत्नी के लिए इस बार कुछ खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो इस पावन दिन पर ये चीजें नहीं ख़रीदे.
सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य और पूजा पाठ में काला रंग वर्जित है. ऐसे में इस दिन पत्नी को काले रंग से जुड़ी कोई भी वस्तु जैसे कोई ड्रेस या साड़ी , कंगन गिफ्ट में न दें. इसे अशुभ माना गया है.
इसके आलावा इस दिन सफ़ेद रंग की भी कोई वस्तु न दें. क्योंकि करवा चौथ सुहाग का पर्व होता है लिहाजा लाल, पीला, हरा रंग बहुत शुभ माना जाता है. ऐसे में सफेद कलर की वस्तुओं को खरीदने से बचे ना ही कोई ऐसा गिफ्ट पत्नी को दें.
इसके साथ ही त्यौहार पर सोना-चांदी खरीदना शुभ फल प्रदान करता है. ऐसे में अगर आप इस दिन सोने-चांदी से बने आभूषण पत्नी को देते है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है. मान्यता है इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है.
करवा चौथ के इस व्रत का 16 श्रृंगार से काफी महत्त्व होता है. पति अगर अपनी पत्नी को कुछ गिफ्ट देना चाहते हैं तो उन्हें श्रृंगार की कोई भी सामग्री उपहार में दें. ये बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे पति-पत्नी के बीच रिश्ते में मिठास आती है. करवा चौथ व्रत के दिन चंद्रोदय यानी चांद निकलने का समय रात 8 बजकर 10 मिनट पर है. महिलाओं को इस समय तक निर्जला व्रत रहना है. करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.