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मजदूर की बेटी ने किया कमाल, पास की देश की सबसे कठिन परीक्षा GATE, सीएम ने भी दी बधाई

कामयाबी गरीबी-अमीरी की मोहताज नहीं होती है। अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो वह अपनी मेहनत और लगन से जीवन में वह मुकाम हासिल कर सकता है, जिसकी वह चाहत रखता है। इसी बीच आज हम आपको इस लेख के माध्यम से रीवा जिले के छोटे से गांव लौरी गढ़ की रहने वाली एक ऐसी गरीब मजदूर की बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने देश की सबसे कठिन परीक्षा GATE (Graduate Aptitude Test in Engineering) पास कर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है।

यह गरीब मजदूर की बेटी कच्चे मकान में रहती है लेकिन इसने अपने मजबूत इरादों के दम पर गेट परीक्षा पास की है। हम आपको जिस मजदूर की बेटी के बारे में बता रहे हैं उसका नाम रामकली कुशवाहा है, जिसे उसकी सफलता पर खुद प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बधाई दी है। इन दिनों रामकली की पूरी देश में चर्चा हो रही है।

संघर्षों से भरी है रामकली की सफलता की कहानी

आपको बता दें कि रीवा जिले के छोटे से गांव लौरी गढ़ क्रमांक-3 में रहने वाली मजदूर की बेटी रामकली कुशवाहा ने गेट की परीक्षा अपनी मेहनत के दम पर पास की है। इनकी सफलता की कहानी संघर्षों से भरी हुई है। रामकली के माता-पिता मजदूर हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है।

लेकिन रामकली के मजबूत इरादों को गरीब मां-बाप के संघर्षों ने पंख दिए। दोनों मेहनत मजदूरी करके अपनी बेटी को पढ़ाते रहें। अपने माता-पिता की बेबसी को देख कर रामकली कुशवाहा ने भी कड़ी मेहनत की और उनको अपनी मेहनत का फल मिल गया। उन्होंने गेट की परीक्षा में सफलता हासिल की।

रामकली ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह बताया कि “पापा चंद्रिका कुशवाहा और मम्मी प्रेमवती कुशवाहा ने कच्चे मकान में रहकर जीवन काट दिया, लेकिन उसे और भाई बहन को पढ़ाने में कोई कमी नहीं रखी।” रामकली ने यह बताया कि आगे वह IIT मुंबई से एमटेक करना चाहती हैं।

रामकली है भाई-बहनों में सबसे बड़ी

रामकली कुल चार भाई-बहन हैं। उनकी एक छोटी बहन नौवीं कक्षा में पढ़ाई करती है तो सबसे छोटा भाई 5 साल का है। वहीं एक भाई 12वीं में पढ़ाई करता है। रामकली ने 12वीं तक पढ़ाई अलग-अलग स्कूल में जाकर की, उसके बाद उनके मन में बीटेक करने की प्रेरणा जागी, जिसमें फिजिक्स टीचर समीर वर्मा ने उनका सहयोग किया। बता दें कि रामकली बीटेक कर चुकी हैं।

खाली समय में की परीक्षा की तैयारी


जब कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगा तो रामकली घर में ही थी तो उन्हें लगा कि खाली समय का सदुपयोग करना चाहिए। उनके मन में GATE एग्जाम देने की ख्वाहिश जागी। पापा ने लैपटॉप दिला दिया। यह वह समय था जब पिता को काम नहीं मिल रहा था। मोबाइल और लैपटॉप पर यूट्यूब के जरिए तैयारी की। रामकली ने 2 साल दिन-रात एक कर दिए।

रामकली के पिता चंद्रिका कुशवाहा का ऐसा बताना है कि उनकी बेटी बचपन से ही होनहार है। क्लास 1 से 4 तक की पढ़ाई सरस्वती ज्ञान मंदिर, गढ़ में की। फिर आठवीं तक की पढ़ाई आदर्श स्वामी विवेकानंद माध्यमिक विद्यालय, लौरी नंबर 2 से की। इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई गांधी ग्रामोदय हायर सेकेंडरी स्कूल, गढ़ से पूरी की।

17 मार्च को आया रिजल्ट

17 मार्च को GATE का रिजल्ट आया था, जिसमें रामकली ने सिविल इंजीनियरिंग में 3290 ऑल इंडिया रैंक और एनवायरमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग में 435वीं रैंक हासिल की। रामकली की इस सफलता के बाद बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया। 23 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद रामकली से बात की। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एम-टेक की पढ़ाई में राज्य सरकार पूरी मदद करेगी।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दी बधाई

बता दें कि रामकली की सफलता की खबर जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंची तो उन्होंने उससे बात की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि “रीवा के श्रमिक पिता की होनहार बेटी रामकली कुशवाहा ने गेट-2022 में सफलता प्राप्त कर परिवार के साथ साथ विंध्य को भी गौरवान्वित किया है। आज बेटी से फोन पर संवाद कर इस अभूतपूर्व सफलता के लिए बधाई दी। ऐसी बेटियां ही नया इतिहास रचती हैं।”

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह कहा कि “बेटी रामकली तुम आगे बढ़ो, तुम्हारी राह में आने वाली बाधाओं को तुम्हारा मामा दूर करेगा। ऐसे ही लक्षित होकर अपने सपनों को साकार करने के लिए कार्य करो। तुम्हारे खुशहाल और उज्जवल भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ हैं।”

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