ज्योतिरादित्य सिंधिया का बदला रूप: ‘महाराज’ ने वो कर दिया जो अबतक नहीं हुआ, देखिए वीडियो
ग्वालियर राजघराने का मध्य प्रदेश और देश की राजनीति में काफी योगदान रहा है।कई पीढ़ियों से ये राजघराना राजनीति के जरिए लोगों की सेवा कर रहा है। राजनीति के साथ राजघराने का शाही अंदाज भी बरकरार रहा है। लेकिन ग्वालियर के ‘महाराज’ की पहचान रखने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने सहज अंदाज के चलते इस छवि से बाहर निकल रहे हैं। राजसी ठाट-बाट, रुतबा छोड़ सहज नेता के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटे सिंधिया का शनिवार को नया अंदाज सामने आया।
महाराज ने सफाईकर्मी को दिया सम्मान
स्वच्छता दूत सम्मान समारोह में पहुंचे सिंधिया ने मंच से उतरकर भीड़ में बैठी महिला सफाईकर्मी से कार्यक्रम का शुभारंभ कराया। अतिथि के तौर पर अपने साथ कुर्सी पर बैठाया। इस दौरान सिंधिया ने महिला सफाईकर्मियों का सम्मान कर उनके पैर भी छुए। सिंधिया से सम्मान पाकर सफाईकर्मी भी गदगद हो गए।
जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित स्वच्छता दूत सम्मान समारोह का शुभारंभ करने के लिए सिंधिया मंच पर पहुंचे। सामने बैठे सफाईकर्मियों को देखा तो सिंधिया शुभारंभ करने से पहले ही मंच से उतरकर नीचे गए और भीड़ से बबीता नाम की महिला सफाई कर्मी को हाथ पकड़कर मंच पर ले आए।
सिंधिया ने बबीता से ही मां सरस्वती का पूजन कराया और स्वच्छता दूध सम्मान समारोह का विधिवत शुभारंभ कराया। इतना ही नहीं सिंधिया ने बबीता को मंच पर ही अपने बराबर कुर्सी पर अतिथि के तौर पर बैठाया। वहीं, जब सम्मान की बारी आई तो सिंधिया ने बबीता को अपने हाथों से टोपी पहनाई, माला पहनाई और उनके पैर छूकर सम्मानित किया।
२५ वर्षों से ग्वालियर को स्वच्छ और सुंदर रखने के काम को निष्ठा से करने वाली बबीता जी, और साथ-साथ हमारे सभी सफाई देवी-देवताओं को मेरा शत-शत नमन। pic.twitter.com/xzHjcIfK2m
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 26, 2022
‘सफाई के देवता के पैर छूना हमारा धर्म’
बबीता के साथ ही नगर निगम के सैकड़ों स्वच्छता दूतों को सम्मानित करने के बाद सिंधिया ने कहा कि सफाईकर्मी स्वच्छता दूत ही नहीं हमारे लिए देवता हैं। सिंधिया ने कहा कि महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्शों पर चलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया। मोदी जी के सपने को हमारे स्वच्छता दूत साकार कर रहे हैं। हमारे लिए स्वच्छता कर्मी देवता है। इनके चरण छूना हमारा धर्म है। सिंधिया की सहजता को देख सफाई कर्मी भी गदगद हो गए। बबीता ने कहा कि उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि कोई उन्हें इतना सम्मान भी देगा।
ज्योदिरादित्य में आया बड़ा बदलाव
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में आए तो महज दो साल के अंदर ही उनमें काफी बदलाव आया है। सिंधिया अब महाराज की छवि से बाहर निकल रहे हैं। सिंधिया कभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को अपने हाथों से भोजन कराते हैं, तो उनके बीच बैठकर भोजन करते हैं। पिछले दौरे में हजीरा अस्पताल में खुद को न पहचानने के चलते सिंधिया ने खुद एक बुजुर्ग को गले लगाया था। स्वच्छता का संदेश देने के लिए सिंधिया ने खुद हाथ मे झाडू लेकर सड़क की सफाई की थी। इसी महीने ग्वालियर में सड़क किनारे कुम्हार की दुकान पर बैठकर सिंधिया ने दीये बनाए थे।