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15 गोली खाकर भी नहीं मानी हार,19 साल की उम्र में पाकिस्तानी सैनिकों को कर दिया था निस्तेनाबूत

योगेंद्र सिंह यादव, 19 साल की उम्र में मिला था परमवीर चक्र

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में कई जवान अपने देश की रक्षा करते हुए शहिद हो गए तो कई सैनिकों ने इस युद्ध में विजय हासिल करते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए। इन्हीं में से एक थे योगेंद्र सिंह यादव। आपको ये तो पता ही होगा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना को सेक्टर द्रास की टाइगर हिल पर अपना कब्जा करना था। जिसके लिए साल 1999 को 18 ग्रेनेडियर्स के एक प्लाटून को टाइगर हिल के बेहद अहम तीन दुश्मन बंकरों पर कब्जा करने की जिम्मेदारी दी।

19 साल की उम्र में मिला था परमवीर चक्र

इन पर कब्जे के लिए सैनिकों को ऊंची चढ़ाई चढ़नी थी। जिसे प्लाटून के लीडर योगेन्द्र यादव ने अपनी सुझबुझ से इसे पार कर लिया। हालांकि इस पार करना इतना भी आसान नहीं था। योगेंद्र को इस दौरान 15 गोलियां लगी थीं। इस जीत के लिए योगेंद्र को परमवीर चक्र भी दिया गया था। जिस समय योगेंद्र को परमविर चक्र से सम्मानित किया गया था। उस समय वे केवल 19 साल ही थे।

ऐसे में योगेंद्र इस सम्मान को पाने वाले सबसे कम उम्र के सैनिक थे। योगेंद्र की तरह ही उनके पिता भी भारत पाकिस्तान के युद्ध में हिस्सेदार रह चुके हैं। पिता से प्रेरित होकर ही योगेंद्र ने भी महज 16 साल की उम्र में भारतीय सेना में प्रवेश कर लिया। ऐसे में आर्मी में आने के कुछ ही सालों में योगेंद्र को कारगिल युद्ध के लिए एक प्लाटुन का नेतृत्व सौंप दिया था।

15 गोली लगने के बाद भी हासिल की जीत

योगेंद्र ने इस जिम्मेदारी बखुबी पुरा किया। इसके लिए योगेंद्र को 90 डिग्री की सीधी चढ़ाई चढ़ी। जिसके लिए उन्होंने रात आठ बजे ही चढ़ाई शुरु कर दी। इस लड़ाई के दौरान भारतीय सैनिकों ने कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। हालांकि इस जंग में भारतिय सैनिक भी गंभीर घायल हुए। ऐसे में पाकिस्तानी सैनिकों को चकमा देते हुए योजनाबद्ध तरीके से भारतिय सैनिक आगे बढ़े।

आगे बढ़ते हुए भारतिय सैनिकों ने पाकिस्तान के तैनाती सभी सैनिकों को मार गिराया। जिसके बाद सुबह होते तक सैनिक टाइगर हिल पर पहुंच ही गए। लेकिन यहां भी पाकिस्तानी सैनिकों ने योगेन्द्र की टुकड़ी को चारों तरफ से घेर लिया। जिसमें योगेंद्र के साथ आए सभी सैनिक शहीद हो गए। इस दौरान योगेंद्र को भी 15 गोलियां लगी।

मरने का किया झूठा नाटक

ऐसे में योगेंद्र ने पाकिस्तानी सेना के सामने मरने का झूठा नाटक करते हुए अपनी जेब में रखें ग्रेनेड को फेंक कर पाकिस्तानी सैनिकों के चीथड़े उड़ा दिए। इसके बाद बचे हुए सैनिकों को पास रखी रायफल से मार गिराया। 15 गोलियां लगने के कारण योगेंद्र के शरीर से काफी खून बह चुका था। ऐसे में वे बेहोश होकर नाले में जा गिरे और बहते हुए नीचे आ गए। जहां भारतीय सैनिकों ने उनकी जान बचाई।

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