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मेरठ में रची जा रही थी देश की तबाही की साजिश, PFI सदस्यों की गिरफ्तारी में मिला खतरनाक साक्ष्य

भारत सरकार ने देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) पर 5 साल के लिए पाबंदी लगा दी है। गौरतलब है कि NIA जांच में पीएफआई के आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के बात सामने आई, जिसके बाद से एटिएस ने यूपी समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों में PFI के सेंटर में छापा मार कर गिरफ्तारी करनी शुरू कर दी है। इस कड़ी में एटीएस और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मेरठ के सेंटर से पीएफआइ के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि मेरठ के इस सेंटर से देश विरोधी गतिविधियों की साजिश के साक्ष्य मिले हैं।

मेरठ में PFI के सेंटर में मिला अवांछिनीय साहित्य

दरअसल, मेरठ के जागृति विहार योजना सख्या 11 सैक्टर-दो, में खाली पड़े फ्लैट में पीएफआई का आफिस था, जहां पुलिस को छापे के दौरान कई सारे अवांछिनीय साहित्य मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस तरह के साहित्य में मुस्लिमों को जनसंख्या बढ़ाने और हिंदुओ में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग को उच्च वर्गों से लड़ाने की साजिश की बाते लिखी थी। इतना ही इन साहित्यों में न्यायिक सेवा और उच्च प्रशासनिक सेवाओं में मुस्लिमों की घुसपैठ कराने की बात भी सामने आई है।

गौरतलब है कि बीते शनिवार को एटीएस और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्यवाई में चार पीएफआइ के सदस्यों मोहम्मद शादाब अजीम कासमी, मुफ्ती शहजाद पुत्र मौलाना उमरे , मौलाना साजिद पुत्र सज्जाद और मौहम्मद इस्लाम कासमी पुत्र को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। वहीं एटीएस की पूछताछ में आरोपियों ने इस बात को स्वीकार भी किया है पीएफआइ द्वारा संप्रदायिक दंगे फैलाने वाले साहित्य पढ़ाए जाता है और सदस्यों को इसी तरह के आतंकी ट्रेनिंग वाले वीडियो भी दिखाए जाते हैं।

2047 तक मुस्लिमों को राजनैतिक शक्ति बनाने की बात की गई थी

वहीं मेरठ के PFI के दफ्तर से एटीएस को जो साहित्य मिला है उसमें लिखा है कि किस तरह से देश में हिन्दुओं को नुकसान पहुंचाना है और साल 2047 तक मुस्लिमों को राजनैतिक शक्ति बनना है। इसके लिए देश में इस्लामिक सरकार बनाने, मुस्लिमों को संगठित करने और उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग देने की बात की गई है।

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