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UPSC एग्जाम से 5 दिन पहले हुई मां की मौत, बहते रहे आंसू लेकिन दी परीक्षा और IPS बनी अपर्णा

यह बात हम भली-भांति जानते हैं कि दुनिया में हर किसी इंसान का जीवन एक जैसा नहीं होता है। किसी के जीवन में कम मुश्किलें होती हैं, तो किसी का जीवन हमेशा ही मुश्किलों में ही घिरा रहता है। इंसान अपने जीवन में बहुत कुछ पाना चाहता है। कुछ लोग कम मेहनत में ही अपनी मंजिल हासिल कर लेते हैं, तो ज्यादातर लोग अपनी मंजिल पाने के लिए हमेशा संघर्ष करते रहते हैं।

लेकिन कहा जाता है ना कि सफलता उसी के कदम चूमती है, जो अपनी जिंदगी की कठिन परिस्थितियों का लगातार सामना करते हुए आगे बढ़ता रहता है। हर इंसान के जीवन में अच्छा-बुरा वक्त आता है। जब जिंदगी में कठिन वक्त आता है, तो तभी यह पता चलता है कि इंसान के अंदर कितनी क्षमता है।

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसी लड़की के जिंदगी की कहानी बताने वाले हैं, जिसके जीवन में हर कदम पर कठिनाइयां खड़ी रहीं परंतु वह कभी घबराई नहीं। यह लड़की अपने जीवन की हर कठिनाइयों का डटकर सामना करती रही और आज इस लड़की ने जो सपना देखा था उसे पूरा कर लिया।

जी हां, हम आईपीएस अपर्णा गुप्ता के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर अपना सपना साकार किया। अपर्णा गुप्ता 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। यह आगरा, मुरादाबाद, कानपुर, जनपद में अहम पदों पर तैनात रह चुकी हैं। इन्होंने जब आगरा के एक तहखाने में जिस्मफरोशी के लिए बंधक बनाकर रखी गईं लड़कियों को मुक्त कराया उसके बाद मीडिया की सुर्खियों में आई थीं।

यूपी के मेरठ की रहने वाली हैं अपर्णा गुप्ता

अपर्णा गुप्ता उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं। अपर्णा का परिवार परीक्षितगढ़ रोड स्थित कोरल स्प्रिंग्स कॉलोनी में रहता है। अपर्णा ने केंद्रीय विद्यालय हल्दिया से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। उन्होंने दोनों ही परीक्षाओं में टॉप किया जिसके बाद अपर्णा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद एक सॉफ्टवेयर कंपनी में उनकी जॉब लग गई।

अपर्णा का ऐसा बताना है कि अपनी मां की प्रेरणा से प्रभावित होकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी आरंभ की थी। अपर्णा के परिवार में पिता और दो बहने हैं। अपर्णा की मां की मृत्यु 2012 में ही हो गई थी।

मां से मिली प्रेरणा

अपर्णा ने अपने कई इंटरव्यूज में यह कहा है कि उनकी मां ही उनकी रोल मॉडल हैं। मां की पॉजिटिव सोच और हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा से की वजह से ही वह यहां तक पहुंची हैं। अपर्णा ने बताया कि उनकी मां का उनसे खास लगाव था क्योंकि वह दो बेटियों के बाद हुई थीं। इस वजह से उनकी मां को काफी ताने सुनने पड़े थे। उस वक्त मां चुप रहती थी और उनसे कहती थी कि इन लोगों को कुछ बनकर दिखाना है। मां ने कभी भी मुश्किलों में हार नहीं मानी और यही हमें सिखाया भी।

परीक्षा से 5 दिन पहले ही हो गई थी मां की मौत

आपको बता दें कि अपर्णा ने जब पहली बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी थी, तो उनकी मां ने 5 दिन पहले ही 15 मई 2012 को बीमारी के कारण अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। रोते-रोते अपर्णा ने यह परीक्षा दी थी। इसमें तो पास वह हो गई थीं लेकिन मेन एग्जाम में वह दो नंबर से रह गई थीं।

तब उन्होंने अपनी मां का सपना सच करने का ठान लिया था और साल 2015 में उन्होंने यह कर दिखाया। अपर्णा अपने आईपीएस बनने की सफलता का पूरा श्रेय अपनी मां को देती हैं।

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