लेडीज जेम्सबांड: कभी नौकरानी बनकर तो कभी प्रेग्नेंट महिला बनकर सुलझाया 80 हज़ार से ज़्यादा केस
ये हैं देश की पहली महिला जासूस रजनी पंडित, जो 80 हजार से ज्यादा केसेस कर चुकीं हैं हल

हम सभी लोगों ने कभी ना कभी फिल्मों में जासूसों को जरूर देखा होगा। जासूसी पर बनी हुई फिल्में देखने में बहुत दिलचस्प रहती हैं। अक्सर देखा गया है कि जासूसी वाली फिल्मों के अंदर किरदारों को देखकर हमारे अंदर का भी जासूस निकल जाता है। हम भी कभी कभी चोरी किसने की होगी और कौन किसे बेवकूफ बना रहा है, इसी तरह की चीजों को हम भी एनालाइज करने लग जाते हैं।
हम सभी लोगों ने फिल्मों या किताबों में ज्यादातर पुरुष जासूस के बारे में ही देखा या पढ़ा होगा परंतु भारत की महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आज हम आपको देश की सबसे पहली महिला जासूस रजनी पंडित के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें भारत का जेम्स बांड भी कहा जाता है।
रजनी पंडित एक ऐसा नाम है, जिन्होंने जासूसी को करियर के रूप में चुना और ऐसे ऐसे कैसे सुलझाए, जिनकी गुत्थी सुलझाना मुश्किल था। अगर आप लोगों ने रजनी पंडित के बारे में नहीं सुना है, तो आज चलिए अच्छे से इनके बारे में जान लेते हैं।
22 साल की उम्र में सॉल्व किया पहला केस
रजनी पंडित की जिंदगी 22 साल की उम्र तक बिल्कुल एक आम लड़कियों की तरह ही थी। ग्रेजुएशन का पहला साल चल रहा था। इस दौरान वह किसी नौकरी में आकर खुद के पैरों पर खड़ा होना चाहती थीं। वह किसी पर आश्रित नहीं रहना चाहती थी। इसी वजह से उन्होंने ग्रेजुएशन के दौरान ही काम करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में उन्होंने एक ऑफिस में क्लर्क की नौकरी की। इस दौरान उनके ऑफिस में ही काम करने वाली एक महिला के घर पर चोरी हो गई थी। महिला को शक था कि यह चोरी जरूर उसकी नई बहू ने की होगी। इस मामले में उन्होंने उस महिला से इस केस को छानबीन करने की अनुमति ली।
जब रजनी ने छानबीन आरंभ की, तो मामला कुछ और ही निकला। छानबीन में यह मालूम हुआ कि चोरी उस महिला की बहू ने नहीं बल्कि बेटे ने की थी। पूछताछ में उसके बेटे ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। इस तरह महज 22 वर्ष की आयु में रजनी ने अपना पहला केस सॉल्व किया।
पिता से सीखे थे जासूसी के गुर
आपको बता दें कि रजनी के पिता सीआईडी में थे। उन्होंने अपने पिता से ही जासूसी के गुर सीखे थे। पहले केस के बाद रजनी पंडित की चर्चा होने लगी। इसके बाद लोग उन्हें ढूंढ ढूंढ कर अपना केस देने लग गए और रजनी भी एक के बाद एक केस सॉल्व करने लगीं। मीडिया में भी उनका नाम आने लगा था। महज 22 साल की रजनी अब देश की पहला महिला जासूस के तौर पर पहचान बनाने लगी थीं।
जब पिता को हुई जासूसी की खबर
जब रजनी के पिता को उनके काम के बारे में मालूम हुआ तो उन्होंने उन्हें समझाते हुए कहा कि “उसे अंदाजा भी है कि यह काम कितना खतरनाक है। लेकिन वह उसे रोकेंगे नहीं। अगर इस काम में होने वाले खतरों को जानते हुए भी वो यह करना चाहती है तो करे।” जैसे ही पिता के द्वारा हरी झंडी मिल गई तब रजनी को किसी भी चीज की परवाह नहीं रही और उन्होंने अपनी खोजबीन जारी रखी।
धीरे धीरे न्यूज़ चैनल और अखबारों ने रजनी को कवर करना शुरू कर दिया और वह भारत की पहली महिला जासूस बन गईं। इसी के साथ उनके जासूसी करियर की भी शुरुआत हो गई।
जिंदगी का सबसे कठिन केस
रजनी के सबसे सफल के केसों में से एक केस ऐसा था जिसमें एक महिला ने अवैध संबंधों के चलते अपने पति और बच्चे को मरवा दिया था। रजनी की जिंदगी का सबसे कठिन केस यही हत्या की गुत्थी को सुलझाना था। पिता और उसके पुत्र दोनों की हत्या हो गई थी लेकिन कातिल का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। जब यह केस रजनी के पास पहुंचा तो उन्होंने केस स्टडी किया, तो उनके दिमाग में कुछ खटका।
जिस महिला के पति और बेटे की हत्या आई हुई थी उनके घर में घुसने के लिए रजनी ने नौकरानी का भेस बदला। जब महिला बीमार पड़ी, तो रजनी ने उसकी खूब सेवा की और उसका विश्वास जीत लिया। धीरे-धीरे रजनी उस महिला से नजदीकियां बढ़ाने में कामयाब हो गई थीं। लेकिन उसी समय कुछ ऐसा हुआ जिससे वह शक के घेरे में आ गईं।
दरअसल, एक बार रजनी महिला के पास थीं। कमरे में एकदम सन्नाटा छाया हुआ था। इसी बीच रिकॉर्डर का क्लिक बटन आवाज कर गया। किसी तरह रजनी ने खुद को बचा तो लिया लेकिन शक के घेरे में वह आ गई, जिसके बाद महिला ने रजनी का घर से निकलना बंद कर दिया।
6 महीने बीत गए। वह घर पर ही काम करती रहीं। उनके हाथ कोई भी सबूत ना लग पाया था, जिससे वह महिला को कातिल साबित कर सके। इसी दौरान महिला से मिलने के लिए एक व्यक्ति आया। उनकी बातों से रजनी यह समझ गई थी कि पिता-पुत्र की हत्या उसी व्यक्ति ने की है।
अब समस्या यहां आ रही थी कि वह घर से निकले तो निकले कैसे? तब उन्होंने चाकू से अपना पैर काट लिया। रजनी के पैरों से बहता खून देखकर महिला ने उसे डॉक्टर के पास जाने की मंजूरी दे दी। डॉक्टर के पास जाने के लिए निकली रजनी पुलिस लेकर घर लौटी और उस कातिल प्रेमी और महिला को गिरफ्तार करवाया।
रजनी ने भेष बदलकर और केस सॉल्व किए
जब रजनी ने यह केस सुलझा दिया तब उसके बाद उनका हौसला और हिम्मत और बढ़ चुका था। इस केस के बाद रजनी ने भेष बदल कर दो और केस सॉल्व किए। रजनी एक बार गर्भवती औरत का भेष बदला तो दूसरी बार फेरीवाले का भेष बदला।
रजनी अपने इस काम में पूरी तरह से व्यस्त हो गईं। उन्होंने जासूसी को ही अपनी जिंदगी बना ली। वह अपने काम में इतना व्यस्त हो गईं कि उनके मन में कभी घर बसाने की इच्छा ही नहीं उठी। एक तरह से रजनी ने अपने इस काम से ही शादी कर ली थी।
रजनी के पास धीरे-धीरे काम बढ़ता चला गया, जिसे देखते हुए उन्होंने 1991 में अपनी एक एजेंसी खोली। एक मामले में एक व्यक्ति ने रजनी से सहायता मांगी। असल में उस व्यक्ति को काम के सिलसिले में बार-बार विदेश दौरा पर जाना पड़ जाता था। जब वह एक बार विदेश गया हुआ था तो इसी दौरान उसका 7 वर्षीय बेटा गुम हो गया था जो नहीं मिल पा रहा था।
तब रजनी ने इसकी छानबीन की और बाद में पता चला कि उस व्यक्ति की पत्नी का किसी और से अफेयर चल रहा था और उसने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर बच्चे को लोनावाला में जाकर छोड़ दिया था। बाद में बच्चा मिल गया था।
80 हजार से ज्यादा केस कर चुकी हैं हल
ऐसा कहा जाता है कि रजनी ने छोटे बड़े सभी मिलाकर अब तक 80,000 से ज्यादा केस सॉल्व किए हैं। इसके साथ ही “फेसिस बिहाइंड फेसिस” और “मायाजाल” नाम से उन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं। रजनी दूरदर्शन द्वारा हिरकणी अवार्ड के साथ ही और कई अवार्ड भी प्राप्त कर चुकी हैं।
आपको बता दें कि रजनी पर अपने क्लाइंट के लिए गलत ढंग से कॉल डिटेल्स प्राप्त करने, सोर्सिंग और सीडीआर बेचने पर का गंभीर आरोप लगाया गया था। उन्हें पुलिस के द्वारा इस आरोप में गिरफ्तार किया गया था।