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चाणक्य नीति: ये 3 चीजें बेहद होती हैं शक्तिशाली, ना करें नजरअंदाज, पलटकर करती हैं वार

आचार्य चाणक्य अपने समय के एक महान विद्वान थे। उन्हें हर विषय की गहरी समझ थी। आचार्य चाणक्य ने “चाणक्य नीति” नामक एक पुस्तक लिखी थी, जिसमें मनुष्य के जीवन की सभी समस्याओं का समाधान बताया गया है। भले ही आचार्य चाणक्य के विचार और नीतियां काफी कठोर लगती हैं। परंतु इसके पीछे मनुष्य की भलाई छिपी हुई है।

आपको बता दें कि चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के महान मंत्री थे। उन्होंने नंदवंश का नाश करके चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया था। आचार्य चाणक्य एक ऐसे महान विभूति थे जिन्होंने अपनी बुद्धिमानी और कूटनीति के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्व विख्यात हुए। आचार्य चाणक्य ने मनुष्य की भलाई के लिए ऐसी बहुत सी बातों के बारे में बताया है, जिन पर अगर व्यक्ति अमल करता है तो वह अपने जीवन की सभी परेशानियों का समाधान निकाल सकता है।

चाणक्य के अनुसार मनुष्य को कभी भी अपने जीवन में तीन चीजों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर यह तीन चीजें एक बार हमला करती हैं तो उसके बाद दोबारा मौका मिलते ही हमला जरूर करेंगीं। आचार्य चाणक्य ने इन चीजों को बहुत शक्तिशाली बताया है और इससे बचना इतना आसान नहीं है। तो चलिए जानते हैं, आचार्य चाणक्य अनुसार किन तीन चीजों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

रोग

आचार्य चाणक्य का ऐसा बताना है कि यदि मनुष्य के शरीर में एक बार कोई रोग लग जाता है तो उससे छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल होता है। मनुष्य भले ही अपना इलाज करवाकर, दवाइयों का सेवन करके रोग से छुटकारा प्राप्त कर सकता है परंतु अगर व्यक्ति थोड़ी भी लापरवाही बरतता है तो इसकी वजह से उसको भारी परिणाम झेलना पड़ सकता है और रोग दोबारा से अपनी चपेट में ले सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में इस बात को बताया है कि अगर एक बार बीमारी लग जाती है तो उसके बाद स्वास्थ्य के प्रति सावधान हो जाना चाहिए अन्यथा बीमारी आपका पीछा नहीं छोड़ेगी।

सांप

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं सांप बहुत जहरीला होता है। सांप हमेशा अपने शिकार पर घात लगाकर ही हमला करता है। अगर एक बार सांप के वार से बच गए तो आप यह ना समझे कि यह दोबारा हमला नहीं करेगा। आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि अगर आप सांप के हमले से बच जाते हैं तो समझिए आप बहुत भाग्यशाली हैं। एक बार बच जाने के बाद आप सावधान हो जाएं क्योंकि सांप मौका मिलते ही दोबारा जानलेवा हमला कर सकता है।

शत्रु

आचार्य चाणक्य ने शत्रु को बिल्कुल सांप की तरह बताया है। जिस प्रकार सांप अपने शिकार पर घात लगाकर हमला करता है, ठीक उसी प्रकार शत्रु भी घात लगा कर बैठा रहता है। आचार्य चाणक्य का ऐसा मानना है कि घायल शत्रु बहुत ज्यादा खतरनाक हो जाता है। उसके हमले से बच पाना बहुत ही मुश्किल होता है। आचार्य चाणक्य जी का ऐसा कहना है कि आपका दुश्मन अगर दोस्त बन जाए तो आपको और अधिक सावधान हो जाना चाहिए।

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