भारत में फरवरी 2021 में खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस, देश में मात्र रह जाएंगे 20 हजार एक्टिव केस
अगले साल की शुरुआत में ही देश को बड़ी राहत मिल सकती है और कोरोना वायरस भारत से पूरी तरह से खत्म हो सकता है। कोरोना वायरस को लेकर विज्ञान और तकनीक विभाग के एक पैनल ने रिसर्च की है और जिसमें कहा गया है कि भारत में ये वायरस अब कमजोर पड़ने लग गया है। इस वायरस के मामलों में भारी गिरावट आई है, जिससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ ही महीनों में भारत में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या हजारों में रह जाएगी।
हैदराबाद आईआईटी समेत वेल्लूर, कोलकाता, बेंगलूरु आदि के विज्ञान संस्थानों के विशेषज्ञ इस पैनल में शामिल रहे। जिनके विश्लेषण को मेडिकल रिसर्च के जर्नल में प्रकाशित भी किया गया। इस पैनल के अनुसार नवंबर तक हर एक कन्फर्म केस पर देश में औसतन करीब 90 केस पता ही नहीं चल सके हैं। ये आंकड़ा सितंबर में 60 से 65 केस तक का था। दिल्ली और केरल में हर संक्रमण पर करीब 25 केस नहीं पहचाने गए, तो उत्तर प्रदेश और बिहार में ये नंबर करीब 300 तक रहा है। इस पैनल ने राज्यों के आंकड़े बताते हुए ये भी कहा कि ज़्यादातर राज्यों में 70 से लेकर 120 केस हर कन्फर्म केस के मुकाबले नहीं पहचाने गए।
इस पैनल ने अपने सुपरमाॅउल के मुताबिक ये अनुमान लगाया है कि फरवरी 2021 तक भारत से महामारी लगभग खत्म हो जाएगी। फरवरी के बाद भारत में कोई पीक या संक्रमण की लहर नहीं आएगी। अनुमान के तहत फरवरी 2021 तक 20 हज़ार ही एक्टिव केस रह जाएंगे।
इस वजह से खत्म होगा कोरोना
पैनल के मुताबिक भारत की 60 फीसदी आबादी या तो संक्रमित हो चुकी है या फिर लोगों की इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है। विश्लेषण के अनुसार 60 फीसदी आबादी में एंटीबाॅडी हैं। जिसके कारण ही त्योहरों के मौसम में कई राज्यों में संक्रमण के मामलों में उछाल नहीं दिखा गया।
इस पैनल की रिसर्च के आधार पर द प्रिंट ने लिखा है कि जर्मनी में सख्त लाॅकडाउन रहा तो लोग घर से बाहर नहीं निकले। लेकिन भारत में कुछ ही महीनों तक लोगों ने लाॅकडाउन के नियमों का पालन किया। इस दौरान लोग न केवल बाहर निकले बल्कि मास्क तक नहीं पहना। इन सब चीजों के कारण कहीं न कहीं ये वायरस देश में कमजोर पड़ गया है।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस को लेकर काफी सारे अध्ययन किए गए हैं। जिनमें पाया गया है कि गंदगी, गंदा पानी और इत्यादि चीजों के कारण भारत के लोगों की इम्यूनिटी पहले से ही विकसित हो रखी है। जिसके कारण वो इस घातक संक्रमण का शिकार नहीं हो रहे हैं।