ये हैं दुनिया की सबसे लंबी कार, स्वीमिंग पूल और हेलिपैड जैसी सुविधाओं से है लैस
दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें देखने के बाद लोग अचरज में पड़ जाते हैं। हालांकि अजीबोगरीब चीजें लोगों का ध्यान भी अधिक खींचती है और लोग इनके बारे में अधिक जानकारी जुटाना चाहते हैं। इसी बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया की सबसे लंबी कार के बारे में।
जी हां.. ये एक ऐसी कार है जिसमें स्विमिंग पूल से लेकर हेलीपैड तक सारी सुविधा है। इस कार की लंबाई 100 फीट है। एक नजर से देखा जाए तो ये कार करीब 10 मंजिला इमारत के बराबर है। आइए जानते हैं दुनिया की सबसे लंबी कार की खासियत के बारे में।
सबसे पहले तो हम आपको ये बता दें कि, इस अनोखी कार को किसी कंपनी ने नहीं बल्कि फिल्म के लिए रेंट पर गाडी देने वाले जाने-माने डिजाइनर जे ओरबर्ग ने डिजाइन किया था। दरअसल, अमेरिका के कैलिफॉर्निया में रहने वाले जे ओरबर्ग को कारों का बहुत शौक था, ऐसे में उन्होंने कई कारों को डिजाइन किया था।
इतना ही नहीं बल्कि इस ‘द अमेरिकन ड्रीम’ के नाम से फेमस लेमोजीन कार को उन्होंने अपने लिए तैयार किया था, लेकिन बाद में इसे रेंट पर दिया जाने लगा।
1980 के दशक में की थी शुरुआत
बता दें, इस 100 फीट की लंबी कार लिमोजिन को बनाने का काम 1980 के दशक में शुरू हुआ और 1996 में बनकर तैयार हो गई। इस कार में एक इंजन आगे की ओर जबकि दूसरा इंजन पीछे की ओर लगाया गया है। इस कार की सबसे खास बात यह है कि इसमें 26 पहिए लगे हुए हैं और ऐसे में इसे दोनों तरफ से ही चलाया जा सकता है। इतना ही नहीं बल्कि ये कार बीच में से भी मुड़ सकती है।
ये हैं कार की खासियत
बता दें, इस कार में आपको कई तरह की सुविधा मिलेगी। 100 फीट लंबी इस लिमोजिन में किंग साइज बेड, जकूजी, स्विमिंग पूल, हेलीपैड, बाथ टब, छोटा गोल्फ कोर्स, कई टीवी, फ्रिज, जैसी कई सुविधाएं हैं। इतना ही नहीं बल्कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी इस कार का नाम दर्ज है। 100 फिट की इस कार में 70 लोग बैठ सकते थे।
फिल्मों में रेंट पर दी जाती थी कार
कार के मालिक जे ओरबर्ग के पास कई लग्जरी कारें है। इतना ही नहीं बल्कि इनकी कंपनी ‘ जे ओरबर्ग स्टार कास्ट’ कई टीवी शो और फिल्मों के लिए भी अपनी कारों को किराए पर देती है। वैसे तो जे ओरबर्ग ने ये कार अपने लिए डिजाइन की थी लेकिन उन्होंने फिर इस कार को फिल्म की शूटिंग के लिए देना शुरू कर दी।
रिपोर्ट की माने तो इसे 14 हजार रुपए प्रति घंटे के हिसाब से रेंट पर दिया जाता था। लेकिन कुछ दिन बाद इसे किराए पर लेना बंद कार दिया गया। दरअसल कार लंबी होने की वजह से पार्किंग के लिए ज्यादा जगह की जरुरत होती थी। इसके बाद धीरे-धीरे कार की मेंटेनेंस पर भी ध्यान देना बंद कर दिया। हालांकि दोबारा इस कार को शुरू करने का फैसला किया गया है।