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अकवर अपने ऐश गाह – हरम में क्यों रखता था किन्नरों को, जानिये इस के पीछे का रहस्य

मुगल शासकों ने भारतवर्ष पर 1526 से 1857 तक शासन किया। मुगलिया सल्तनत के शासक जैसे बाबर, अकबर, शाहजहां या औरंगजेब, जितने भी शासक रहे हैं उनकी कई कई रानियां हुआ करती थीं। सभी शासक औरतों के शौकीन हुआ करते थे।मुगल बादशाह अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते थे। जब भी मुगल बादशाह किसी युद्ध में जाते थे और वह युद्ध जीत जाते थे तो उस राज्य की रानियों एवं उस राज्य की औरतों को अपनी पत्नी बना लिया करते थे और उन्हें अपने महल के ही एक अलग हिस्से में रखा करते थे, जिसे “हरम” कहा जाता था।

हरम महल का एक ऐसा स्थान हुआ करता था, जहां पर सिर्फ बादशाह ही जा सकते थे, उनके अलावा किसी अन्य पुरुषों को वहां जाने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं थी। आपको बता दें कि मुग़ल काल में कई जगहों में अनेकों हरम स्थापित किए गए थे, जिनमें से मुख्य शाही हरम आगरा, दिल्ली, फतेहपुर सीकरी, लाहौर, अहमदाबाद, बहरानपुर, दौलताबाद, मान्छु तथा श्रीनगर इत्यादि थे।

अकबर के हरम में थीं 5000 रानियां

अगर हम हरम में महिलाओं की संख्या के बारे में बात करें, तो समकालीन स्रोतों के द्वारा यह पता चलता है कि 5000 रानियां अकबर के हरम में थीं। वहीं 3000 से ज्यादा रानियां बादशाह जहांगीर के हरम में थीं। अगर एक बादशाह की इतनी सारी रानियां होंगी तो सभी रानियों को शारीरिक सुख की प्राप्ति नहीं हो पाएगी और यह बात बादशाह भी अच्छी तरह से जानते थे। लेकिन रानियां अपनी मर्यादा में रहें और सीमाएं ना लांघे, यही बादशाह चाहते थे।

आपको जानकर ताज्जुब होगा कि बादशाह ने रानियों पर पहरा रखने के उद्देश्य से ही हरम में किन्नरों की एक सेना को तैनात कर रखा था यानी कि बादशाह ने हरम की सुरक्षा के लिए किन्नरों को रखा हुआ था।

हरम में किन्नर ही क्यों रखे जाते थे?

आप सवाल मन में यह जरूर आ रहा होगा कि आखिर बादशाहो ने हरम की सुरक्षा के लिए किन्नरों को ही क्यों रखा हुआ था? दरअसल, इसके पीछे का जो कारण है उसके बारे में जानकर यकीनन आप भी हैरान रह जाएंगे। बता दें कि सभी बादशाह शक्की मिजाज के थे। इसी वजह से उनको अपने पुरुष सैनिकों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था। इतना ही नहीं बल्कि बादशाहो को तो अपनी रानियों पर भी बिल्कुल भी भरोसा नहीं था।

उनको हमेशा यही डर लगा रहता था कि कहीं सैनिकों के साथ ही रानियां संबंध ना बना लें। यही वजह है कि हरम में पुरुष सैनिकों की नियुक्ति नहीं की जाती थी। अगर हम महिला सैनिकों की नियुक्ति की बात करें, तो उस समय तो इनका सवाल ही नहीं उठता था क्योंकि उस समय के दौरान महिलाओं को नाजुक और कमजोर समझा जाता था।

मुगल बादशाहों के इन किन्नरों के साथ थे शारीरिक संबंध

आपको बता दें कि हरम में किन्नर रखने की शुरुआत करने वाले बादशाह अकबर थे। लेकिन हरम में किन्नर रखने का उद्देश्य सिर्फ रानियों पर नजर रखना ही नहीं हुआ करता था बल्कि यह प्रशिक्षित किन्नर युद्ध कलाओं और हथियार चलाने में भी माहिर होते थे। रानियों की सुरक्षा और हर वक्त उनकी सेवा में उपस्थित रहना ही इन किन्नरों का काम था। इसके अलावा बादशाह तक हरम की हर पल की सूचना यही किन्नरों द्वारा पहुंचा करती थी। रानियां भी किन्नरों से खौफ खाया करती थीं।

आपको बता दें कि कुछ इतिहासकारों का ऐसा भी मानना है कि कई मुगल बादशाहों के इन किन्नरों के साथ शारीरिक संबंध भी थे। मोहम्मद शाह रंगीला को किन्नरों की मोहब्बत काफी पसंद थी। वह किन्नरों के साथ अपनी रानियों से भी ज्यादा वक्त गुजारा करता था।

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