बीवी 12 साल पहले हो गई थी गायब, अचानक घर लौटी तो ऐसा था पति का रिएक्शन

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक बड़ा ही भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स की पत्नी 12 साल पहले लापता हो गई थी। लेकिन जब वह वापस मिली तो उसे देख उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं महिला के 4 बच्चे भी अपनी लापता माँ से 12 साल बाद मिले। महिला के पति का नाम नत्थू सिंह है। उसे अपनी लापता बीवी बिहार के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला, कोईलवर में मिली है। वह वहां भर्ती थी और उसका इलाज चल रहा था।
12 साल पहले लापता हुई थी बीवी
दरअसल नत्थू सिंह की बीवी सरिता (बदला हुआ नाम) अक्सर मानसिक रूप से बीमार रहा करती थी। वह अपने इस मनोरोग के चलते मोहल्ले के लोगों पर भी जाने-अंजाने में हमला कर देती थी। उसकी यह बीमारी जब और बढ़ने लगी तो मोहल्ले के लोग आपत्ति जताने लगे। उसका सामाजिक बहिष्कार करने लगे। परेशान होकर नत्थू बीवी को लेकर बिजनौर जिला के शेरकोट थाना के पालिकी गांव में रहने लगा।
हालांकि एक दिन सरिता अचानक गायब हो गई। परिजनों ने उसे बहुत खोजा। पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई। लेकिन सरिता का कहीं कोई पता नहीं चला। इस घटना को 12 साल बीत गए। फिर 29 जून को गांव के प्रधान के पास अफजलगढ़ के एसएचओ का सरिता को लेकर कॉल आया। फिर सरिता की उनके परिजनों से वीडियो कॉल के जरिए बात कराई गई। अपनी खोई बीवी को देख नत्थू की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने कहा कि बिहार के लोग काफी अच्छे हैं।
ऐसे मिली अपने बिछड़े परिजनों से
इसके बाद नत्थू और उसका बेटा कमल सरिता को लेने बिहार गए। उधर दुमका (झारखंड) से सरिता की बहन उर्मिला देवी और उनके पति अनूप कुमार भी आ गए। जब सरिता ने 12 साल बाद पति और बेटे को देखा तो लिपटकर रोने लगी। सरिता ने नत्थू को बताया कि वह लापता होने के बाद किसी तरह पटना के शांति कुटीर संस्था पहुंच गई थी। यहां संस्था ने 2020 में इलाज के लिए उसे कोईलवर के मानसिक आरोग्यशाला एडमिट किया।
सरिता का एक साल इलाज चला। फिर वह वापस शांति कुटीर संस्थान आ गई। लेकिन उसे पूरी तरह ठीक करने के लिए अक्टूबर 2021 में दोबारा इलाज के लिए आरोग्यशाला भेजा गया। यहां डॉक्टरों की निगरानी और नियमित उपचार के बाद सरिता बिल्कुल ठीक हो गई। मानिसक रोग अस्पताल की अपर निदेशक डॉ. पूर्णिमा रत्न के अनुसार सरिता जब ठीक हुई तो वहां मौजूद अन्य मरीजों की सेवा भी करने लगी।
सरिता जब लापता हुई थी तो वह सिर्फ अपने राज्य और जिले का नाम ही बता पा रही थी। लेकिन जब वह पूरी तरह ठीक हुई तो 4 जून, 2022 को अपनी काउंसलिंग में बताया कि वह बिजनौर की तहसील अफजलगढ़ के तुरुतपुर गांव की रहने वाली है। इसके बाद स्वास्थ्यकर्मी दिलीप ने बिजनौर के पुलिस अधीक्षक से WhatsApp के माध्यम से संपर्क किया और अफजलगढ़ के एसएचओ का मोबाइल नंबर लिया। इसके बाद सरिता आसानी से अपने परिवार से मिल सकी।
बताते चलें कि इसके पहले भी पूरी दुनिया में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब परिजन अपने खोए हुए प्रियजन से सालों बाद मिले। उनके वापस मिलने में कभी गूगल मेप तो कभी सोशल मीडिया सहायक सिद्ध हुआ।