तेलंगाना की महिला मैकेनिक बनी औरतों के लिए मिसाल, ट्रकों के टायर ठीक कर चला रही परिवार

दुनिया में ऐसा कोई भी इंसान नहीं है, जिसका जीवन हमेशा एक समान व्यतीत हो। इंसान की जिंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं। अक्सर ऐसा भी समय आता है जब कठिन वक्त में इंसान अपनी हिम्मत हार जाता है, वह समय उसके जीवन का सबसे बेहद कष्टकारी होता है। चाहे आप महिलाओं की बात करें या पुरुषों की, हर किसी की जिंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव और मोड़ आते हैं। अगर महिलाओं की जिंदगी में कष्ट उत्पन्न होते हैं, तो ऐसी स्थिति में वह पूरी तरह से टूट जाती हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि महिलाएं कमजोर होती हैं। महिलाएं अगर किसी काम को करने की ठान लेती हैं, तो वह उसे पूरा करके ही दम लेती हैं। आजकल के समय में हर क्षेत्र में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं। इसके बावजूद भी बहुत से लोगों का मानना है कि महिलाएं वह काम नहीं कर सकती, जिसमें बल का कुछ ज्यादा ही प्रयोग होता है।
कोमल कही जाने वाली महिलाएं अक्सर भारी कामों को करने से डरती हैं। परंतु आज हम एक ऐसी महिला के बारे में बताने वाले हैं जो महिलाओं के लिए एक मिसाल बनी हैं। अगर आप इनके बारे में जानेंगे तो आप भी तारीफ करेंगे।
मिलिए तेलंगाना की इकलौती मशहूर महिला मैकेनिक से
वैसे ट्रकों की वेल्डिंग करना या फिर पंचर लगाते हुए आप सभी लोगों ने सिर्फ पुरुषों को ही देखा होगा, लेकिन आज हम आपको जिस महिला के बारे में बता रहे हैं, वह इन सभी कामों को अकेले बहुत ही आसानी से करती है। जी हां, उस महिला का नाम आदिलक्ष्मी है, जिनकी उम्र 31 साल की है। तेलंगाना के कोठागुडेम के सुजाता नगर की रहने आदिलक्ष्मी का एक ट्रक मैकेनिक होना बहुत से लोगों को हैरान कर देने वाली बात लगती है। इसी वजह से बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि यह काम सिर्फ पुरुषों का है परंतु आदिलक्ष्मी ने इस सोच को गलत साबित कर दिया है।
आदिलक्ष्मी अपने पति की ऑटोमोबाइल रिपेयर शॉप में काम करती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि आदिलक्ष्मी तेलंगाना की इकलौती महिला मैकेनिक हैं। चाहे ट्रकों की वेल्डिंग हो या फिर पंचर लगाना, इस तरह के छोटे-मोटे रिपेयरिंग के कार्य वह खुद अकेली ही बड़ी आसानी के साथ कर लेती हैं। इतना ही नहीं बल्कि कई एक्सिल वाले ट्रकों के भारी-भरकम पहियों को दुरुस्त करना जैसे मानो आदिलक्ष्मी के बाएं हाथ का खेल है। आदि लक्ष्मी इन सभी कामों में निपुण हैं।
आदिलक्ष्मी का बचपन बीता बेहद गरीबी में
आदिलक्ष्मी का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता की 4 बेटियों में दूसरे नंबर की बेटी हैं। वह सिर्फ चौथी कक्षा तक ही पढ़ सकीं। आदिलक्ष्मी का ऐसा बताना है कि उनके पिता के पास ना तो कोई जमीन थी और ना ही उनके पति के पास कोई जमीन है। आदिलक्ष्मी ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि उन्हें याद है बचपन में वह तब भी खुश हो जाते थे जब उन्हें खाने के लिए इडली या वड़ा मिलता था।
आदिलक्ष्मी ने पति की मदद के लिए शुरू किया था काम
आपको बता दें कि आदिलक्ष्मी अपने पति वीरभद्रम के साथ टायर रिपेयर शॉप चलाती हैं। उनकी दो बेटियां हैं और यह उनका भी ख्याल अच्छी तरह से रखती हैं। आदिलक्ष्मी ने 2010 में वीरभद्रम से शादी की थी। आदिलक्ष्मी में कभी यह सोचा नहीं था कि वह एक मैकेनिक बन जाएंगी। उन्होंने अपने पति की मदद करने के लिए ही यह काम शुरू किया था। उनके पति घर से दूर रहकर काम किया करते थे।
जब आदिलक्ष्मी दूसरे बच्चे को जन्म दे रही थीं, तब भी वह नहीं आ पाए थे। इसके बाद आदिलक्ष्मी ने एक ऑटोमोबाइल की दुकान खोलने का सोच लिया और उन्होंने यह सोचा कि वह अपने पति की मदद करेंगी, जिससे कि उनके पति घर पर रह सकेंगे। इसी प्रकार से पति की मदद करते करते आदिलक्ष्मी खुद एक माहिर मैकेनिक बन चुकी हैं।
मदद के लिए कई लोग आगे आए
आदिलक्ष्मी की कड़ी मेहनत और इच्छाशक्ति को देखते हुए बहुत से लोग उनकी सहायता के लिए आगे आए। तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता और मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता ने भी उनके काम से प्रभावित होकर उनको सम्मानित करने के लिए हैदराबाद बुलाया था। इस मौके पर कविता ने उन्हें टायर बदलने की मशीन भेंट की थी। इसके अलावा एक अन्य संस्था से जुड़े कपल ने उन्हें कुछ ऐसी मशीनें भेंट की जिससे कि उनका काम आसानी से हो जाए।
आदिलक्ष्मी बताती हैं कि उन्होंने बचपन में गरीबी की वजह से बहुत कुछ सहा है और वह स्कूल भी नहीं जा पाई थीं। वह कहती हैं कि अब वह अपनी बेटियों को स्कूल भेजना चाहती हैं। उन्हें अच्छी शिक्षा देकर उन्हें पुलिस ऑफिसर बनाना चाहती हैं। आदिलक्ष्मी की दोनों बेटियां स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं।