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बालाघाट में एक साथ 4 बच्चों का हुआ जन्म, 2 महीने इलाज के बाद डॉक्टरों ने दिया नया जीवन

हर दंपति के लिए माता-पिता बनने का एक बेहद खूबसूरत पल होता है। विवाह के बंधन में बंधने के बाद हर शादीशुदा जोड़ा यही चाहता है कि जल्द से जल्द उनको संतान सुख की प्राप्ति हो। माता-पिता बनने का सुख दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास होता है। जब कोई पहली बार माता-पिता बनता है, तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता है। वहीं परिवार में भी सभी सदस्य बेहद खुश होते हैं और खूब मिठाइयां बांटते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि कुछ मिल जाना किस्मत से भी होता है, पर कुछ हासिल हो तो कोशिशों से ही होता है। इसी बीच मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के अस्पताल से एक मामला सामने आया है, जहां पर जब महिला ने 23 मई को एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया तो यह खबर खूब सुर्खियों का विषय बन गई थी।

महिला ने समय से पहले बच्चों को जन्म दिया, जिसके चलते बेहद कम वजन की वजह से नवजातों के बचने की उम्मीद कम थी। लेकिन अच्छी खबर यह है कि अस्पताल के स्टाफ की कोशिशों ने नवजात बच्चों को नई जिंदगी दी है, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। 2 महीने चले इलाज के बाद बच्चों की हालत में अब सुधार है और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है।

डिस्चार्ज के समय जश्न जैसा था माहौल

प्राप्त जानकारी के अनुसार, किरनापुर विकासखंड के ग्राम जराही की एक महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था। महिला ने जिला अस्पताल बालाघाट में करीब 29 मई को एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया। इन शिशुओं का जिला चिकित्सालय बालाघाट की गहन शिशु चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में उपचार किया जा रहा था, जिसके बाद अब गुरुवार को एसएनसीयू से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज के समय एक तरह से जश्न की तरह माहौल था।

शिशुओं की आरती उतारी गई

विशेषज्ञ डॉक्टर निलय जैन के द्वारा ऐसा बताया गया कि जन्म के समय शिशुओं का वजन एक किलो से भी कम था, तथा इनको सांस लेने में तकलीफ के अलावा अन्य दिक्कतें हो रही थीं। ऐसी स्थिति में शिशुओं को बचाना काफी मुश्किल साबित होता है परंतु टीम की मेहनत और लगन की वजह से अब उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं अस्पताल में शिशुओं की आरती उतारी गई तथा उनके परिजनों को शिशुओं के कपड़े तथा खिलौने उपहार स्वरूप दिए गए।

23 मई को चारों बच्चों का एक साथ हुआ था जन्म

आपको बता दें कि करीब 2 महीने पहले मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के अस्पताल में 23 मई को किरनापुर के गांव जराही निवासी प्रीति पति नंदलाल मेश्राम (26) ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था, जिनमें तीन बालक और एक बालिका थी। प्रीति की झोली में खुशियां तो आईं लेकिन उनके पूरे रहने पर संदेह था क्योंकि समय से पहले करीब दो महीने पहले डिलीवरी हो गई और सभी बच्चों का वजन बहुत कम था। बच्चों को सांस लेने के अलावा और भी कई परेशानियां थी। अब बच्चों के सामान्य होने पर परिजनों के साथ डॉक्टरों और टीम के चेहरे पर खुशी और राहत दोनों देखने को मिले हैं।

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