दो बेटों और पति को खोया, फिर भी नहीं टूटीं, कुछ ऐसी रही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जिंदगी

झारखंड के पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। वह इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। गुरुवार को हुई काउंटिंग में NDA की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने UPA के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तीसरे राउंड की गिनती में हरा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रोपति मुर्मू के घर पहुंच कर उन्हें बधाई दी।
बता दें वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी। हालांकि, द्रौपदी मुर्मू के लिए यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं था। उन्होंने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखा है।
ओडिशा के मयूरभंज जिला स्थित एक आदिवासी गांव में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू की जिंदगी में कई हादसे हुए, जिनसे बाहर निकल पाना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा था। लेकिन इसके बावजूद भी वह टूटी नहीं। आज हम आपको द्रौपदी मुर्मू की जिंदगी से जुड़ी हुई कुछ अनकही बातें बताने जा रहे हैं।
कभी करती थीं ये नौकरी
साल 2015-2021 के बीच झारखंड की गवर्नर रहीं द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा में हुआ था। द्रौपदी मुर्मू की पढ़ाई भुवनेश्वर के रामादेवी वूमेंस कॉलेज से हुई है। वह स्नातक हैं। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी जातीय, समूह संथाल से संबंध रखती हैं। द्रोपति मुर्मू ने अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की।
पढ़ाई होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया। बता दें द्रौपदी मुर्मू सिंचाई और बिजली विभाग में 1979 से 1983 तक जूनियर असिस्टेंट के तौर पर कार्य कर चुकी हैं। साल 1994 से 1997 तक उन्होंने रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीगरल एजुकेशन सेंटर में ऑनरेरी असिस्टेंट टीचर के तौर पर भी सेवाएं दीं।
दोनों बेटों और पति को खोया
द्रौपदी मुर्मू की जिंदगी में पहली बार साल 2009 में भयंकर तूफान आया था, तब उनके एक बेटे की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। 2009 के रिपोर्टों के अनुसार, लक्ष्मण मुर्मू (25) अपने बिस्तर में अचेत अवस्था में पाए गए थे। वह इस सदमे से निकलने की कोशिश कर रही थीं लेकिन प्रकृति शायद उनकी और परीक्षा लेने पर उतारू थी। महज 3 साल के बाद 2012 में सड़क हादसे की वजह से उन्होंने अपना दूसरा पुत्र भी खो दिया।
वहीं द्रौपदी मुर्मू के पति श्याम चरण मुर्मू का 2014 में दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया था। द्रौपदी मुर्मू की एक विवाहित पुत्री हैं, जिसका नाम इतिश्री मुर्मू है। इतिश्री मुर्मू एक बैंक में कार्य करती हैं और उनकी शादी गणेश हेम्ब्रम से हुई है, जो एक रग्बी खिलाड़ी हैं।
द्रौपदी मुर्मू की मौसी ने कही ये बात
आपको बता दें कि नतीजों से पहले द्रौपदी मुर्मू की मौसी ने कहा कि द्रौपदी ने जिंदगी भर बहुत संघर्ष किया। एएनआई से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि “हमारे समय में, हम लड़कियों को हमेशा कहा जाता था कि तुम पढ़कर क्या करोगे। लोग उससे पूछते थे कि वह क्या कर पाएगी। अब उसने उन्हें साबित कर दिया कि वह क्या कर सकती है।”
उन्होंने कहा- “मुर्मू ने साबित कर दिया कि महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। वह हमेशा एक अध्ययनशील व्यक्ति थीं। हमारे पास उनके साथ बहुत सारी यादें हैं। मैं उनकी मौसी हूं, हालांकि मैं उनसे छोटी हूं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। मैं उनकी कहानी के माध्यम से सोचती हूं, सभी को यह सीखना चाहिए कि महिलाएं कम नहीं हैं और कुछ भी हासिल कर सकती हैं।”