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घर गंगा में समा गया, रेलवे स्टेशन पर बेची चाय, यूट्यूब की मदद से पढ़ाई कर सुकरात बन गया दरोगा

इंसान के जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं। इंसान की बहुत सी मजबूरियां होती हैं। लेकिन कहते हैं कि इंसान की दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत उससे कुछ भी संभव करवा सकती है। मेहनत और लगन के दम पर इंसान मुसीबतों का बड़े से बड़ा पहाड़ तोड़कर सुनहरे भविष्य की तरफ जाने वाला राह बना सकता है। जो इंसान अपना इरादा मजबूत रखता है, उसके लिए कोई भी समस्या सफलता के मार्ग में बाधक नहीं बन सकती है।

आज हम आपको कटिहार के सुकरात सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों को झेलते हुए दरोगा की परीक्षा में सफलता हासिल की है। सुकरात सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर बिहार पुलिस में जगह बनाई है। इन्होंने अपने जीवन में बहुत से कठिन परिस्थितियों का सामना किया है। उनका यहां तक पहुंचने तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है।

घर गंगा में समा गया

आपको बता दें कि सुकरात सिंह अपने परिवार के साथ मनिहारी थाना क्षेत्र के मेदनीपुर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। 15 साल पहले तक सुकरात और उनके परिवार के सामने ज्यादा समस्याएं नहीं थीं। खेती-किसानी से ही घर का गुजारा चल रहा था। परिवार की आर्थिक तंगी भी उस समय काफी कम थी। लेकिन साल 2017 में एक साथ ही सुकरात और उनके परिवार पर कई दुखों का पहाड़ टूट गया।

दरअसल, गंगा नदी के भीषण कटाव की वजह से बाढ़ आई, तो इसमें झोपड़ी, खेत खलिहान सब कुछ पानी में समा गया। ऐसी स्थिति में परिवार की मुसीबतें बहुत ज्यादा बढ़ गई। सब कुछ पानी में समा जाने की वजह से परिवार के सामने भूखे मरने तक की नौबत आ गई थी।

रेलवे स्टेशन पर बेची चाय

जब सब कुछ बाढ़ ने छीन लिया तो उसके बाद पेट पालने के लिए सुकरात का पूरा परिवार मनिहारी रेलवे स्टेशन के पास आकर रहने लगा। सुकरात सिंह रेलवे स्टेशन के पास ही चाय की दुकान चलाने लगे, जिससे परिवार का पेट भर पाएं। सुकरात अपने पिताजी के साथ काम में हाथ भी बंटाते थे।

सुकरात ने अपने जीवन में इतना कुछ गंवा दिया परंतु इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी। आर्थिक तंगी होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। चाय बेचने के बाद जब भी उनको जितना समय मिलता था, वह उसमें यूट्यूब की मदद से अपनी पढ़ाई किया करते थे।

हासिल कर ली कामयाबी

सुकरात सिंह ने अपने जीवन में बहुत सी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है। रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाले सुकरात सिंह ने दरोगा बनने की ख्वाहिश पाली। उसके लिए उन्होंने यूट्यूब, गूगल की मदद से तैयारी की। दुकानदारी से जो भी समय उनको मिलता था, उसमें वह मन लगाकर खूब पढ़ाई करते थे। साल 2018 में उन्होंने दरोगा परीक्षा दी लेकिन वह फिजिकल में सफल नहीं हो पाए थे।

लेकिन इसके बावजूद भी सुकरात सिंह ने हार नहीं मानी और दोगुनी मेहनत से परीक्षा की तैयारी में जुट गए। आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई। दूसरे प्रयास में उनको कामयाबी मिली और सब इंस्पेक्टर के लिए चयनित हो गए। सुकरात सिंह का ऐसा मानना है कि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कामयाबी जरूर प्राप्त होती है। सुकरात सिंह ने अपनी इस पूरी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।

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