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Video: नहीं मिली अस्पताल से एंबुलेंस, बेटे बाइक पर लकड़ी से बांधकर 80 KM घर ले गए मां का शव

मानवता को सबसे बड़ा धर्म कहा जाता है। लेकिन आजकल तो इंसान दूसरे मनुष्य को कष्ट देकर आगे बढ़ने में लगा है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो धीरे-धीरे पूरे धरती से मानवता खत्म हो जाएगी और हर मनुष्य जानवर की तरह एक दूसरे की जान ले लेंगे। अक्सर दुनियाभर से ऐसी कई घटनाएं सुनने को मिलती हैं जो मानवता को शर्मसार कर देती हैं। इसी बीच मध्यप्रदेश के शहडोल से सोमवार को दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है।

दरअसल, शहडोल मेडिकल कॉलेज में एक महिला की मृत्यु होने के पश्चात जिला अस्पताल ने शव को घर ले जाने के लिए मृतक के परिवार वालों को शव वाहन तक उपलब्ध नहीं कराया। इसके बाद जब बेटों को शव वाहन नहीं मिला, तो वह अपनी मां के शव को लकड़ी से बांधकर बाइक पर घर ले गए। उन्होंने इस हालत में मां के शव के साथ करीब 80 किलोमीटर का सफर किया।

बेटे शव वाहन के लिए भटकते रहे

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मां की मृत्यु के पश्चात बेटे शव वाहन के लिए मेडिकल कॉलेज में भटकते रहे थे। परंतु उनको कहीं भी शव वाहन नहीं मिला। जब उन्होंने प्राइवेट शव वाहन वाले से बात की, तो उसने ₹5000 मांगे। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उसे दे सकें। आखिर में बेटे काफी मजबूर हो गए और वह अपनी मां के शव को बाइक पर मजबूरन घर लेकर गए। अब सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर लोग तरह तरह के कमेंट करते हुए नजर आ रहे हैं।

ना मिला इलाज ना मिला शव वाहन

मिली जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के गोडारू गांव की रहने वाली महिला जयमंत्री यादव को सीने में दर्द होने की वजह से उनके बेटे सुंदर यादव ने उपचार जिला अस्पताल शहडोल में एडमिट कराया था। जहां हालत खराब होने के कारण मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान रविवार देर रात उनकी मृत्यु हो गई। मृतका के बेटे सुंदर यादव ने जिला अस्पताल की नर्सों पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाते हुए मां की मृत्यु के लिए मेडिकल अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।

100 रुपए की लकड़ी की पट्टी खरीद बाइक पर रख ले गए शव

ऐसा बताया जा रहा है कि महिला की मृत्यु के पश्चात शव को घर ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद निजी शव वाहन वाले के पास गए तो उसमें मृतिका के बेटों से ₹5000 मांगे। इतने रुपए उनके पास नहीं थे। इसके बाद वह अस्पताल से बाहर आए और ₹100 की लकड़ी की एक पट्टी खरीदी। जैसे-तैसे एक पट्टी से मां का शव बांधा और बाइक पर रखकर 80 किलोमीटर दूर शहडोल से अनूपपुर जिले के गुड़ारु गांव पहुंचे।

मेडिकल कॉलेज में नहीं है शव वाहन

आपको बता दें कि शहडोल मेडिकल कॉलेज के पास कोई शव वाहन नहीं है। इसके अलावा एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। दो एंबुलेंस दी गई है लेकिन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने की वजह से मरीजों को सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो


इस दौरान किसी ने घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी। अब यह काफी तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग वीडियो देखकर तरह तरह के कमेंट कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है जिसकी वजह से यह हुआ है। उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। कई लोगों ने इस घटना को लेकर सरकारी व्यवस्था की आलोचना भी की है। वीडियो देखकर लोग अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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