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सीमा विवाद के बाद पहली बार चीनी राष्ट्रपति से मिले पीएम मोदी, पर जो हुआ उसकी उम्मीद न थी

गलवान घाटी और एलओसी में तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पहली बार उज्बेकिस्तान में आयोजित SCO (Shanghai Cooperation Organisation) की बैठक में आमना सामना हुआ। बता दें कि एससीओ ग्रुप की इस बैठक में भारत-चीन के अलावा पाकिस्तान, तुर्किये, रूस समेत अन्य देश शामिल थें। लेकिन सभी की नजर पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर टिकी रही।

उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुआ SCO की बैठक का आयोजन

गौरतलब है कि एशिया के सबसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में से एक SCO (शंघाई सहयोग संगठन) का आयोजन इस बार उज्बेकिस्तान के समरकंद में हो रहा है। शुक्रवार, 16 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक शहर समरकंद पहुंचे थे।

बता दें कि समरकंद में जब मुलाकातों का दौर शुरु हुआ, तो मीडिया में दिनभर भारत, चीन, पाकिस्तान की चर्चा होती रही कि क्या पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के साथ भी मुलाकात होगी या नहीं। लेकिन बाद में इन सभी कयासों का कोई परिणाम नहीं निकला। दरअसल, एससीओ (Shanghai Cooperation Organisation) की बैठक में क्षेत्रीय और व्यापारिक संबंधों पर चर्चा होनी थी, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच वार्ता तो हुई, लेकिन पाकिस्तान और चीन के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई।

2 साल बाद मिले दोनो देशों के मुखिया पर नहीं हुई कोई बात

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प से उत्पन्न तनाव के बाद लगभग 27 महीने बाद एक दूसरे के आमने-सामने आए थे। वहीं मालूम हो कि एससीओ बैठक से कुछ दिन पहले एलएसी पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया हुई।

हाल ही मेंभारत चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी 15 पर सैनिकों की वापसी प्रक्रिया का संयुक्त रुप से वापसी का ऐलान किया था। ऐसे में दोनों देशों की सेनाओं द्वारा टकराव वाले बिंदु से सैनिकों को वापस हटाने के चलते ही ये आयास लगाए जा रहे थें कि एससीओ (SCO summit)की बैठक में दोनो देशों के प्रमुख की बातचीत हो सकती है।

एससीओ शिखर में भी नजर आई भारत-चीन सीमा पार तनाव की लकीर

हालांकि, उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान हुए फोटो सेशन में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच फेस-टू-फेस मुलाकात हुई। दोनों ने अगल-बगल खड़े होकर फोटो खिंचाई, लेकिन सीमा पर तनाव की लकीर यहां भी महसूस की गई। जबकि ऐसा माना जा रहा था कि एलएसी से सेनाओं के पीछे हटने के बाद दोनों देशों के प्रमुख बातचीत करेंगे। पर, एससीओ के मंच पर चीन और भारत के बीच की दूरी साफ दिखी।

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