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ये होता है सच्चा प्यार! पत्नी की मृत्यु के बाद पति ने भी त्याग दिए प्राण, एकसाथ उठी 2 अर्थियां

शादी बहुत ही पवित्र रिश्ता होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह रिश्ता सात जन्मों का रिश्ता है। शादी के सात फेरों के साथ ही पति-पत्नी एक दूसरे का जीवनभर साथ निभाने का वचन देते हैं। हर अच्छे बुरे समय में एक दूसरे पर साथ निभाते हैं। हमने अभी तक शादी या प्यार में एक दूसरे साथ जीने और साथ मरने की कसम खाने के बात सुनी है परंतु असल में ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है।

इसी बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा शहर में रविवार को एक अनोखी और दुखद घटना देखने को मिली है। दरअसल, यहां एक बुजुर्ग दंपति ने कई सालों तक एक-दूसरे का सुख दुख में साथ निभाया और जब संसार छोड़ने की बारी आई तो कुछ घंटों के अंतराल पर ही दोनों ने अपना शरीर त्याग दिया। पति-पत्नी के रूप में यह एक दूसरे के साथ जिए और अंतिम समय आया तो साथ में ही इन दोनों ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

बीमार पति की सेवा करते-करते कमला देवी ने देह त्याग दी

बता दें कि नंदवाना में रहने वाले 87 साल के राधाकिशन महेश्वरी काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी पत्नी कमला देवी सुबह से उनकी सेवा करती थी। सुबह से उठकर देर रात तक होने वाले तमाम कार्यों में वह आगे बढ़कर काम करती थीं। वहीं शनिवार की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद कमला देवी ने अपनी देह त्याग दी। उनके अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी। उनकी दत्तक पुत्री का इंतजार करने के चलते अंतिम संस्कार रविवार को करना तय हुआ।

पत्नी की मृत्यु की बात पता चलते ही पति की भी मौत

वहीं इसी बीच उनके बीमार पति राधाकिशन को किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं थी। जैसे ही उनको जानकारी प्राप्त हुई, तभी रविवार तड़के उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए। महज 22 घंटे के अंदर दोनों पति-पत्नी ने संसार को अलविदा कह दिया। उनके परिजनों को दोनों को अंतिम विदाई एक साथ देने की प्रक्रिया करनी पड़ी।

नंदवाना से लेकर मुख्य तिलक चौक मार्ग तक दो अर्थियां एक साथ पति-पत्नी की लाई गई। उसके बाद ट्रैक्टर ट्रॉली पर उन्हें सजा कर अंतिम क्रिया के लिए मुक्तिधाम लाया गया। उनके अगाध प्रेम और अटूट संबंध को देखकर लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े। घर से एक साथ दो अर्थियां शमशान के लिए निकली। इसके बाद एक ही चिता पर दोनों को एक साथ मुखाग्नि दी गई।

कोई नहीं थी संतान, बेटी को लिया था गोद

परिवार के सदस्य का ऐसा कहना है कि उनकी कोई भी संतान नहीं थी। इसी वजह से उन्होंने छोटे भाई की बेटी प्रतिभा माहेश्वरी को गोद लिया था, जो दिल्ली में रह रही हैं। वही उनके अन्य रिश्तेदार बताते हैं कि 2 महीने पहले कमला देवी ने अपने ससुराल पक्ष और विपक्ष के तमाम बच्चों के लिए पहले से ही व्यवस्थाएं जुटा कर रखी थी। उनके विवाह के लिए लिफाफे तक रख दिए हैं। इसके साथ ही कोरोना के विपरीत परिस्थितियों में भी एक दूसरे को संभालने के साथ-साथ कई अन्य लोगों को उन्होंने संभाला।

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