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चाणक्य नीति: जीवन में इन चीजों को नहीं लगाना चाहिए पैर, वरना जिंदगी हो जाती है बर्बाद

आचार्य चाणक्य अपने समय के बहुत महान और प्रभावशाली व्यक्ति थे। उनके ज्ञान की चर्चा उस काल में दूर-दूर तक थी। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में जीवन के तमाम पहलुओं को विस्तार से बताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि आचार्य चाणक्य के विचारों का पालन करके जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। इसके साथ ही जीवन में शांति और सफलता का मार्ग भी प्राप्त किया जा सकता है।

आचार्य चाणक्य ने कई शास्त्रों की रचना की थी, जिसका अनुसरण मानव आज भी कर रहा है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में ऐसी बहुत सी बातें बताई हैं, जो आज के समय में भी कारगर साबित होती हैं। उन्होंने अपनी नीतियों में व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग के बारे में भी बताया है। इसके साथ ही कुछ ऐसी बातों को भी उनके द्वारा समझाया गया है, जो रोजमर्रा के जीवन में बहुत काम की साबित होती।

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में इस बात का जिक्र किया है कि किन चीजों को पैर लगाना गलत होता है। अगर इन चीजों को व्यक्ति पैर लगाता है, तो इससे उसकी जिंदगी बर्बादी की तरफ जाने लगती है। जीवन की सुख-शांति छिन जाती है। आखिर जीवन में किन चीजों को पैर नहीं लगाना चाहिए? चलिए आपको बताते हैं।

गुरू

गुरु को पूजनीय माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में गुरु को माता-पिता से भी ऊपर का स्थान प्राप्त है। ऐसी स्थिति में हमेशा अपने गुरुओं का सम्मान करें और उनसे अच्छे से बात करें। साथ में ही इस चीज का ध्यान भी रखें कि कभी भी अपने गुरु को पैर ना लगाएं। आचार्य चाणक्य बताते हैं कि व्यक्ति को गुरुओं का आदर करना चाहिए और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि किसी भी शुभ कार्य से पहले गुरुओं का आशीर्वाद लेने से व्यक्ति को हर काम में कामयाबी प्राप्त होती है।

कन्या

हिंदू धर्म में कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है। ऐसी स्थिति में चाणक्य नीति के मुताबिक, कन्या को पैर लगाना या पैर से छूना देवी को पैर लगाने के समान है। अगर गलती से कभी कन्या के पैर लग जाते हैं तो आप तुरंत माफी मांग लीजिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसके कारण आपके जीवन में संकट आ सकता है।

गाय

हिंदू धर्म में गाय को पूजनीय माना जाता है। गाय को माता माना गया है। गाय की पूजा भी की जाती है। गाय की सेवा करने से पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में गाय को पैर लगाने से पाप के भागीदारी बन जाते हैं। अगर घर के बाहर गाय आती है, तो उसे मारकर नहीं लगाना चाहिए बल्कि उसे खाने के लिए रोटी दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें।

बुजुर्ग

हमेशा अपने से बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और कभी भी पैरों से इन्हें नहीं छूना चाहिए। कहते हैं कि उन्हें पैर लगाने से पाप लगता है। चाणक्य नीति अनुसार, जिस घर में बड़ों का आदर नहीं किया जाता, वहां कभी भी सुख-समृद्धि का वास नहीं होता है। ऐसे घर में लक्ष्मी जी भी वास नहीं करती हैं और नाराज होकर उस घर से चली जाती हैं। इसलिए अपने से बड़े और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए।

अग्नि

अग्नि को पवित्र माना जाता है और शास्त्रों में अग्नि को देव का दर्जा दिया गया है। आचार्य चाणक्य बताते हैं कि अग्नि को पैर लगाना अशुभ माना जाता है। अग्नि देवता की पूजा की जाती है। वहीं शुभ कामों में अग्नि की पूजा की जाती है। उन्हें साक्षी माना जाता है। ऐसे में उन्हें पैर लगाने से अशुभ फल मिलते हैं।

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