मुस्लिम से हिंदू बने जितेंद्र त्यागी ने किया सरेंडर, बोले- जेल के अंदर मारने की हुई साजिश
हिंदू धर्म अपनाकर वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण त्यागी बने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष की मुश्किलें इन दिनों बढ़ती ही जा रही है। जी हां, बता दें कि जितेंद्र नारायण त्यागी, जिन्हें पहले वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था, ने शुक्रवार ( 2 सितम्बर ) को कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। दरअसल, जितेंद्र त्यागी पर हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में संप्रदाय विशेष के खिलाफ अभद्र भाषा (Dharm Sansad Hate speech case) का प्रयोग करके लोगों को उकसाने का आरोप था।
बीते साल धर्म-ससंद में दिए भाषण के चलते हुआ मुकदमा दर्ज
वैसे तो जितेंद्र त्यागी पहले भी गई बार घर्म विशेष के खिलाफ बोलकर खबरों में आ चुके हैं। लेकिन ये मसला बीते साल उत्तरी हरिद्वार के वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर 2021 को धर्मसंसद में दिए गए उनके भाषण से उपजा है। खबरों की माने तो इस देश के कई प्रमुख संतों के साथ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी भी शामिल हुए। जहां त्यागी ने एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ विवादित भाषण दिया और फिर इस भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 27 दिसंबर को शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले (Dharm Sansad Hate speech case) में कारर्वाई करते हुए पुलिस ने त्यागी को इस साल 13 जनवरी को नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया था।
मेडिकल ग्राउंड पर मिली थी तीन महीने की जमानत
इसके बाद जितेंद्र त्यागी की कोर्ट में पेशी हुई और फिर उन्हें जेल भेजा गया। हालांकि फिर जितेंद्र त्यागी के वकील ने हृदय रोग के इलाज के लिए जमानत की मांग की थी और इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर 17 मई को तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी। वहीं अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने त्यागी को 2 सितंबर तक हरिद्वार जेल में सरेंडर करने का आदेश दिया था। जिसे मानते हुए जितेंद्र नारायण त्यागी ने शुक्रवार को सीजेएम की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है।
बता दें कि कोर्ट में सरेंडर करते वक्त जितेंद्र नारायण त्यागी ने अपना बयान दर्ज कराया है। जिसमें त्यागी ने कहा कि सनातन धर्म में आकर मैं अपनी लड़ाई अकेले लड़ रहा हूं, जब से सनातन धर्म अपनाया है तब से कुछ लोग लगातार उनके पीछे पड़े हैं। जितेंद्र कहते हैं कि वो इस लड़ाई में अकेले हैं लेकिन कोई अफसोस नहीं हैं, क्योंकि मैंने अच्छी तरह विचार करके सनातन धर्म अपनाया था।
जितेंद्र त्यागी का खुलासा- जेल के अंदर मारने की हुई साजिश
वहीं जितेंद्र त्यागी ने ज्वालापुर के कुछ लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि रोशनाबाद जेल के अंदर मारने की साजिश रची गई थी, लेकिन जेल प्रशासन को सूचना देने के बाद उनकी साजिश कामयाब नहीं हो सकी। वहीं समर्पण से पहले त्यागी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी से मुलाकात करने पहुंचे, जहां कई अन्य संत भी मौजूद थे।