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भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने रिटायरमेंट से पहले प्राप्त की थी ये बड़ी उपलब्धियां

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम को अलविदा कह दिया है। इन दिनों अपने लिए गए इस फैसले के कारण महेंद्र सिंह धोनी हर तरफ चर्चा का विषय बने हुए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि उनके पीछे-पीछे सीमित ओवरों के खेल के उस्ताद कहे जाने वाले सुरेश रैना ने भी सन्यांस का ऐलान कर दिया।

सुरेश रैना का कहना है कि इस समय वह महेंद्र सिंह धोनी के साथ ही हैं। यही नहीं बल्कि जब साल 2011 में भारत ने वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्राफी का खिताब अपने नाम किया उस वक्त रैना और धोनी एक साथ ही खेले थे। वहीं इन दोनों क्रिकेटर की विदाई पर इनके फैंस ने इन्हें शुभकामनाएं भी दी हैं।

 

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Thanks a lot for ur love and support throughout.from 1929 hrs consider me as Retired

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IPL के लिए खेलना रखेंगे जारी

इसी बीच भारतीय टीम के उपकप्तान और विस्फोटक ओपनर रोहित शर्मा ने भी ट्वीट कर लिखा, ‘भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे प्रभावी शख्स में से एक। क्रिकेट में और इस खेल के आस-पास उनका बहुत प्रभाव रहा। उनके पास विजन था और उन्हें पता था कि कैसे टीम बनानी है। ब्लू जर्सी में उन्हें याद करूंगा, लेकिन वो हमारे साथ पीली जर्सी में हैं। 19 सितंबर को टॉस के समय आपसे मिलेंगे।’ उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम को अलविदा कह चुके महेंद्र सिंह धोनी और रैना इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की फ्रेंचाइजी टीम चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए खेलना निरंतर जारी रखेंगे।

पोस्ट शेयर कर दी जानकारी

दरअसल, क्रिकेट से सन्यास के बारे में बताते हुए महेंद्र सिंह धोनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा- अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिये धन्यवाद। शाम 7 बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिए. गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही वह यूएई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग के लिए चेन्नई सुपर किंग्स टीम से मिलने चेन्नई पहुंचे थे।

आखिरी चर्म पर हुआ कुछ यूं

बताते चलें कि आखिरी बार धोनी भारत के न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल मैच में खेलते हुए नज़र आए थे। पर अफसोस उस मैच में 50 रन बनाकर ही वो रनआउट हो गए। भारत के लिए उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 T-20 मैच खेले। वहीं अपने करियर के आखिरी चर्म पर वह खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर कई अटकलें लगाई जाने लगीं।

जानें बड़ी उपलब्धियां

बता दें कि साल 2004 में धोनी बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में वनडे के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किए गए थे। इसके बाद साल 2005 में उन्हें तेजी से रन बनाने के लिए बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेज दिए गए। उन्होंने अपनी दूसरी पारी में 145 गेंद में 183 रन बनाए। यही नहीं बल्कि 5 मैचों की श्रृंखला भारत ने 3 . 0 से जीती और धोनी मैन आफ द सीरिज का खिताब अपने नाम किया।

साल 2007 में धोनी ने राहुल द्रविड़ से वनडे क्रिकेट की कप्तानी अपने नाम की। जिसके बाद वह दक्षिण अफ्रीका में पहले T-20 विश्व कप में भारत के कप्तान भी बने। सबसे खास बात भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। चंद शब्दों में महेंद्र सिंह धोनी की उपलब्धियों को गिनाया नहीं जा सकता।

 

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