बॉलीवुड

फिल्मों में आने से पहले होटल में किया काम, जेल तक गए, ऐसी है पंकज त्रिपाठी के संघर्ष की कहानी

पंकज त्रिपाठी भारत के एक बहुत ही जाने-माने और बेहतरीन कलाकार हैं, जिन्होंने अपने शानदार अभिनय से बॉलीवुड में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। पंकज त्रिपाठी ने अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया है। मिर्जापुर के कालीन भैया हो या सेक्रेड गेम्स के गुरुजी, हर कलेक्टर में जान डालने वाले पंकज त्रिपाठी अपना जन्मदिन 5 सितंबर को मनाते हैं।

पंकज त्रिपाठी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म रन से की थी, जिसके बाद उन्होंने बॉलीवुड को कई शानदार फिल्में दी। जब वह वेब सीरीज मिर्जापुर में कालीन भईया बने तो लोगों ने उन्हें उसी नाम से ही जानना शुरू कर दिया। पंकज त्रिपाठी अपनी एक्टिंग से हर किरदार में जान डाल देते हैं। पंकज त्रिपाठी ने आज इंडस्ट्री में जो मुकाम हासिल किया है वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है।

पेड़ के नीचे बैठकर ही पूरी हुई स्कूली पढ़ाई

5 सितंबर 1976 को एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में बिहार के गांव बेलसंड में जन्मे पंकज त्रिपाठी के पिता किसानी का काम करते थे और गांव के मंदिर में पंडिताई भी किया करते थे। पंकज के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा 3 भाई बहन भी थे। जब पंकज त्रिपाठी का जन्म हुआ था तो उनके गांव में स्कूल और लाइट जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं थी, जिसके कारण एक पेड़ के नीचे बैठकर ही उनकी स्कूली पढ़ाई पूरी हुई।

गांव के नाटकों में निभाते थे लड़की का किरदार

पंकज त्रिपाठी अपने पिता की तरह ही शुरुआती दिनों में पंडिताई और किसानी किया करते थे। इसके बाद जब वह 11वीं कक्षा में पहुंचे तो वह गांव के नाटकों में लड़की बनकर एक्टिंग करने लगे। पंकज त्रिपाठी के एक्ट को गांव के लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता था और हंसी मजाक में लोग उन्हें सलाह दे दिया करते थे कि वह बॉलीवुड में जाएं। यहीं से पंकज त्रिपाठी का एक्टिंग में मन लग गया था। पंकज त्रिपाठी बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी के बहुत बड़े फैन थे और वह सपना देखा करते थे कि वह भी उनकी तरह एक्टर बनें।

डॉक्टर बनाना चाहते थे पिता

वहीं पिता यह चाहते थे कि पंकज त्रिपाठी डॉक्टर बनें। इसी वजह से पंकज त्रिपाठी की जैसे ही स्कूली पढ़ाई पूरी हो गई, तो उनके पिताजी ने आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें बाहर भेज दिया। इसके बाद पंकज त्रिपाठी हाजीपुर आए और इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट में दाखिला लिया। लेकिन पंकज त्रिपाठी का एक्टिंग में बहुत शौक था। इसी वजह से वह अपना करियर अभिनय के क्षेत्र में में ही बनाना चाहते थे। जब वह यहां कॉलेज की पढ़ाई कर रहे थे, तो इसके साथ-साथ वह थिएटर में भी सक्रिय रहने लगे।

जेल तक गए हैं पंकज त्रिपाठी

आपको बता दें कि पंकज त्रिपाठी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही राजनीति में भी काफी सक्रिय हो गए और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का हिस्सा बन गए। उस समय के दौरान बिहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। साल 1993 में एक बार उन्होंने अपनी पार्टी के साथ मिलकर स्टेट गवर्नमेंट के खिलाफ आवाज उठाई। इसके बाद उनको 7 दिन जेल की सलाखों के पीछे गुजारना पड़ा था।

होटल में कुक की नौकरी की

जब पंकज त्रिपाठी की पढ़ाई पूरी हुई तो उसके बाद वह पटना के एक होटल में कुक की नौकरी करने लगे। इस दौरान वह थिएटर में भी सक्रिय रहे। पंकज त्रिपाठी ने यह नौकरी करीब 2 साल तक की, जिसके बाद वह दिल्ली आ गए। पंकज त्रिपाठी ने दिल्ली में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ज्वाइन किया।

एक्टिंग कोर्स करके मुंबई पहुंचे पंकज त्रिपाठी

दिल्ली से एक्टिंग कोर्स करने के बाद पंकज त्रिपाठी मुंबई पहुंचे लेकिन यहां पर उनको काफी संघर्ष करना पड़ा। पंकज त्रिपाठी बिहार से ताल्लुक रखते थे, इसी वजह से उनकी भाषा भोजपुरी ही थी। ऐसी स्थिति में हिंदी और इंग्लिश सीखने के लिए पंकज त्रिपाठी को काफी संघर्ष करना पड़ा था। 2004 में उनको फिल्म “रन” में एक छोटा सा रोल करने का अवसर प्राप्त हुआ। अगर आप इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी को देखेंगे, तो शायद आपके लिए उन्हें पहचान पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा। इस फिल्म के बाद पंकज त्रिपाठी ने कई फिल्मों में छोटा-मोटा रोल किया।

“गैंग ऑफ वासेपुर” से पंकज त्रिपाठी को मिली पहचान

पंकज त्रिपाठी कई फिल्मों में काम कर चुके थे परंतु इसके बावजूद भी उन्हें वह पहचान नहीं मिली। फिल्म “गैंग्स ऑफ वासेपुर” से पंकज त्रिपाठी को असली पहचान मिली। इस फिल्म में उनका किरदार काफी सराहा गया। इसके बाद ओटीटी पर “मिर्जापुर” रिलीज हुई, जिसमें पंकज त्रिपाठी ने कालीन भईया का किरदार निभाया। अपने इस किरदार से उन्होंने सबका दिल जीत लिया। पंकज त्रिपाठी को लोग “मिर्जापुर” में कालीन भईया के नाम से ही जानने लगे।

पंकज त्रिपाठी की लव स्टोरी

पंकज त्रिपाठी की लव स्टोरी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल 17 साल के पंकज को एक वेडिंग सेरिमनी में मृदुला से प्यार हो गया था। परंतु इस प्रेम कहानी को शादी के मंडप तक पहुंचाने में समस्या यह आ रही थी कि पंकज की बहन की शादी मृदुला के भाई से हुई थी और उनके घर के ट्रेडिशन के हिसाब से उनकी शादी बहन की नंद से नहीं हो सकती थी।

लेकिन पंकज तो मृदुला को अपना दिल दे चुके थे और उनको पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार थे। ऐसे में उन्होंने अपने परिवार को मनाने के लिए खूब कोशिश की। आखिरकार उन्होंने अपने परिवार वालों को राजी कर ही लिया, जिसके बाद दोनों ने 15 जनवरी 2004 को शादी कर ली। फिलहाल पंकज त्रिपाठी और मृदुला एक बेटी आशी के माता-पिता हैं।

न्यूटन के लिए मिला नेशनल अवॉर्ड

पंकज त्रिपाठी ने अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक किरदार निभाए हैं, जिसके लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं। फिल्म “न्यूटन” में उनके बेहतरीन अभिनय के लिए नेशनल अवॉर्ड, फिल्म “लूडो” के लिए इंटरनेशनल फिल्म एकेडमी अवॉर्ड और “मिमी” के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया है।

पहले घुसने नहीं देते थे स्टूडियो में, अब मिलते हैं कई ऑफर्स

46 साल के हो चुके पंकज त्रिपाठी ने उस समय का किस्सा शेयर किया था, जब वह मुंबई गए थे। पंकज त्रिपाठी ने बताया था कि उन्हीं स्टूडियो में सिक्योरिटी गार्ड्स घुसने नहीं दिया करते थे। इतना ही नहीं बल्कि प्रोड्यूसर्स तो उनसे बात तक नहीं किया करते थे परंतु अब वही प्रोड्यूसर्स उन्हें फिल्में ऑफर करते हैं।

अगर पंकज त्रिपाठी के नेटवर्थ की बात की जाए तो वह 40 करोड़ की कुल संपत्ति के मालिक हैं। फिलहाल पंकज त्रिपाठी फिल्म ओह माय गॉड-2 की शूटिंग में व्यस्त चल रहे हैं।

Related Articles

Back to top button