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Golgappe wali didi: नौकरी छोड़ गोलगप्पे बेचने लगी लड़की, वजह जान सब कर रहे हैं तारीफ

‘एमबीए चाय वाला’ और ‘एमए इंग्लिश चायवाली’ के बाद अब ‘गोलगप्पे वाली दीदी’ (Golgappe wali didi) सोशल मीडिया की दुनिया में सुर्खियों में हैं। जी हां, वैसे तो गोलगप्पे की दूकान पर लड़कियों की लाईन लगना आम बात है, क्योंकि लड़कियों को गोलगप्पे बेहद पसंद आते हैं। पर वहीं अब एक लड़की खुद गोलगप्पे की दूकान लगा रही हैं… जाहिर दुनिया की नजरों में तो इस लड़की को आना ही था, पर वहीं इसके पीछे की जो वजह उसने बताई हैं, उसके चलते अब वो लोगों की तारीफें भी बटोर रही है। तो चलिए आपको बताते हैं इस ‘गोलगप्पे वाली दीदी’ की पूरी कहानी…

पढ़ाई जारी रखने के लिए डेंटल क्लीनिक की नौकरी छोड़ लगाया चाट स्टॉल

दरअसल, ये कहानी है चंडीगढ़ की पूनम की जो कुछ दिनों पहले तक एक डेंटल क्लीनिक में काम कर रही थी। लेकिन काम करने के दौरान पूनम को लगा की इस काम को करते हुए वो अपनी आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाएंगी। फिर क्या था.. पूनम ने वो नौकरी छोड़ पार्ट टाइम जॉब के तौर मोहाली में एक चाट स्टॉल लगा लिया, ताकी वो इसे करते हुए आगे की पढ़ाई कर सकें।

ऐसे में शुरूआत में जब पूनम का चाट स्टॉल लोगों ने सड़क किनारे देखा तो उसे लेकर सुगबुगाहट शुरू होने लगी, लेकिन धीरे-धीरे पूनम ने ‘गोलगप्पे वाली दीदी’ के तौर पर अपनी पहचान बना ली। आज वो बेझिझक गोलगप्पे का स्टॉल चला रही हैं जहां वो खुद आलू टिक्की, पापड़ी, चटनी बना कर गोलगप्पे के साथ लोगों को सर्व करती हैं।

सोशल मीडिया पर गोलगप्पे वाली दीदी’ के रूप में मशहूर हैं पूनम

बता दें कि अब ‘गोलगप्पे वाली दीदी’ (golgappe wali didi) के रूप में पूनम सोशल मीडिया पर भी काफी मशहूर हो रही हैं। हाल ही में फूड ब्लॉगर हैरी उप्पल ने भी पूनम की कहानी अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर की है। इस वीडियो में हैरी उप्पल ने पूनम से उनके काम से लेकर घर वालों की राय तक के बारे बातें की। पूनम बताती हैं कि शुरूआत में उनका परिवार इसके खिलाफ था और खुद भी उन्होनें ऐसा कभी नहीं सोचा था कि वो आगे चलकर ऐसा कुछ करेंगी। पर फिर लगा कि कोई काम छोटा नहीं होता और इस काम को करते हुए वो आसानी से अपनी पढ़ाई भी पूरी कर सकती हैं। इसलिए आज वो पूरे लगन से ये काम कर रही हैं।

 

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वैसे देखा जाए तो पूनम का जज़्बा अपने आप में काबिले तारीफ है कि उन्होनें बिना दुनिया की परवाह किए इस काम को करने की ठानी। वैसे भी कहते हैं कि जब आपकी नियत सही हो तो आपके काम का अंजाम भी अच्छा ही होता है। यहां पूनम आगे पढ़ना चाहती हैं, जाहिर उनके और भी बड़े सपने होंगे। हमारी भी यहीं शुभकामना है कि पूनम और उनके जैसे हर शख्स जोकि मेहनत के जरिए अपन सपनों में रंग भरने के कोशिश करते हैं उनकी मेहनत रंग लाएं।

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