पितृपक्ष में हर शुभ काम की है मनाही तो बच्चों का जन्म शुभ या अशुभ? जानिए क्या कहता है शास्त्र

सनातन धर्म में हर कर्मकांड के लिए एक विशेष अवधि निर्धारित की गई है, जैसे कि पितरों की पूजा के लिए पितृ पक्ष का काल। गौरतलब है कि इन 15 दिनों के दौरान लोग अपने पितरों यानी की पूर्वजों की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। हालांकि वहीं पितरों को अर्पित इस समय विशेष में दूसरे शुभ कार्यों की मनाही भी होती है। ऐसे में सवाल ये है कि अगर इस समय में किसी बच्चे का जन्म (children birth in Pitru Paksha) होता है तो वो शुभ माना जाएगा या अशुभ। जी हां, सवाल तो बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए हम लाए हैं आपके लिए इसका जवाब…
सनातन धर्म में है पितृ पक्ष का विशेष महत्व
बता दें कि इस बार पितृ पक्ष की शुरूआत 10 सितम्बर से हो चुकी है, जोकि अगले 25 सितम्बर तक चलेगा। इसके बाद अगले दिन यानी 26 सितम्बर से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। वहीं बात अगर पितृ पक्ष की जाए तो हिंदू धर्म में ये 15 दिन बेहद खास माने जाते हैं। मान्यता है कि इस दौरान मृत पूर्वजों की आत्माएं अपने परिजनों से मिलने और उनका हाल लेने के लिए धरती लोक पर आती है।
ऐसे में इस दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और पिंडदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से घर-परिवार में सुख-समृद्धि भी आती है।
वहीं दूसरी तरफ पितृ पक्ष का समय किसी शुभ या नए कार्य के आरम्भ के लिए सही नहीं माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान किया गया कार्य शुभ फल नहीं देता है। ऐसे में अक्सर ये प्रश्न भी उठता है कि पितृ पक्ष के दौरान अगर घर में किसी बच्चे का जन्म होता है तो फिर वो शुभ माना जाएगा या अशुभ। तो बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष में जन्म बच्चे अशुभ नहीं बल्कि शुभ लक्षणों वाले होते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान जन्मे बच्चें होते है बेहद खास
मान्यता है कि इस समय विशेष में जन्में बच्चे रचनात्मक प्रवृत्ति के होते हैं, जो अपनी कला के जरिए समाज में काफी मान प्रतिष्ठा अर्जित करते हैं। दरअसल शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के समय में जन्म लेने वाले बच्चों पर उनके पितरों का विशेष आशीर्वाद रहता है। ऐसे में अपने पूर्वजों के आशीर्वाद और ईश्वर की अनुकंपा से ये बच्चे जीवन में काफी सफल होते हैं। इतना ही ये भी माना जाता है कि ऐसे बच्चों के जन्म के बाद घर-परिवार में सुख-समृद्धी आती है। इसलिए लोगों को ये भ्रम मन से निकाल देना चाहिए कि पितृपक्ष में बच्चों का जन्म (children birth in Pitru Paksha) अशुभ होता है।