गौतम अडानी से खफा हुए अनिल अंबानी, रिलायंस ने ठोका 134 अरब का दावा, जानें पूरा मामला

देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) कंपनी के मालिक अनिल अंबानी (Anil Ambani) के बीच मुंबई बिजली वितरण कारोबार को बेचने के सौदे में शर्तों के कथित रूप से उल्लंघन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। अनिल अंबानी के समूह की कंपनी रिलायंस इन्फ्राट्रक्चर लिमिटेड ने अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (Adani Transmission Limited) के खिलाफ 134 अरब रुपये (1.7 अरब डॉलर) का मध्यस्थता दावा दायर किया है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का आरोप है कि अडानी ट्रांसमिशन ने अपने मुंबई पावर डिस्ट्रिब्यूशन कारोबार को बेचने के सौदे में शर्तों का उल्लंघन किया है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, रिलायंस ने शिकायत में दिसंबर 2017 के समझौते की शर्तों में उल्लंघन का हवाला दिया है। अनिल अंबानी की कंपनी ने मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष अपने दावे में अडानी को घेरा है। हालांकि कंपनी के द्वारा इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
2017 का है मामला
रिलायंस रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा ऐसा बताया गया कि उसने अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को अपने मुंबई बिजली वितरण कारोबार को बेचने के सौदे के संबंध में 134 अरब रुपए का मध्यस्थता दावा दायर किया है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, अपने दावे में रिलायंस ने दिसंबर 2017 के समझौते की शर्तों को पूरा नहीं करने का हवाला दिया है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष अपने दावे का स्टेटमेंट दायर किया है। विवाद के बारे में विस्तार से और कुछ नहीं बताया गया है।
अभी तक अडानी की तरफ से नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
रिलायंस ने कहा- “वित्तीय निहितार्थ का पता नहीं लगाया जा सकता है और यह मध्यस्थता और बाद की कानूनी चुनौतियों के अंतिम परिणाम पर निर्भर है।” हालांकि अडानी ग्रुप ने अभी तक इस विषय में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि अडानी ग्रुप ने साल 2017 में 18,800 करोड़ रुपये की डील के तहत रिलायंस इंफ्रा के मुंबई बिजली कारोबार का अधिग्रहण कर लिया था। इसमें उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन शामिल था।
इस डील ने अडानी ग्रुप को डिस्ट्रिब्यूशन कारोबार में पैर जमाने में मदद की, जिससे उसे एक जनरेशन और ट्रांसमिशन कंपनी से पूरी तरह से एकीकृत पावर यूटिलिटी में बदलने में मदद मिली। इन रुपयों का उपयोग अनिल अंबानी ने उधार चुकाने के लिए किया था।
पहला मध्यस्थता केंद्र है एमसीआईए
एमसीआईए साइट पर एक बयान के मुताबिक, मुंबई अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एमसीआईए) भारत में अपनी तरह का पहला मध्यस्थता संस्थान है, जिसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कानूनी समुदायों के बीच संयुक्त पहल में स्थापित किया गया है।
अडानी को मिला ग्लोबल लीडरशिप अवॉर्ड
बताते चलें कि हाल ही में यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल 2022 (USIBC 2022) ने अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी को उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया। यह पुरस्कार साल 2007 से ही भारत और अमेरिका के शीर्ष उद्यमियों को द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को सशक्त बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए दिया जाता है। यह सम्मान अमेजन के प्रमुख जेफ बेजोस, गूगल के सीईओ सुंदर पिचई, नैस्डैक की प्रमुख एडेना फ्रीडमैन, फेडेक्स कॉरपोरेशन के प्रमुख फ्रेड स्मिथ, जैसे दिग्गजों को मिल चुका है।