गुजरात में लगने जा रहा है देश का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट, चिप के जरिए चित करेगा भारत

एक चिप जिसकी लंबाई चौड़ाई एक इंच से भी छोटी है, वो दुनिया पर राज कर रही हैं.. जिसके लिए दुनिया में मारा मारी है, उसे अब हिंदुस्तान में बनाने की तैयारी है। जी हां, बता दें कि जिस चिप के लिए हिन्दुस्तान से लेकर अमेरिका तक चीन जैसे देशों पर निर्भर थे, अब उस पर हिंदुस्तान आत्मनिर्भर होने वाला है, क्योंकि गुजरात में लगभग डेढ़ लाख करोड़ के निवेश के साथ पहला सेमीकंडक्टर का प्लांट (India first semiconductor plant) लगने जा रहा है।
वेदांता और फॉक्सकॉन लगाएंगी देश में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट
बता दें कि भारत की वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने जा रही है। इसमें दोनों कंपनियों वेदांता और फॉक्सकॉन की हिस्सेदारी 60 और 40 प्रतिशत के अनुपात में होगी। बताया जा रहा है कि इस प्लांट में दो साल के अंदर सेमीकंडक्टर का निर्माण शुरू हो जाएगा।
सेमीकंडक्टर के चीन के बाजार को भारत से मिलेगी खुली चुनौती
सबसे पहले तो आपको बता दें कि सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल फ्रिज, एसी, लैपटॉप, टीवी से लेकर लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक सामान में होता है। ऐसे में देश-दुनिया में इसकी भारी डिमांड है पर अब तक सेमीकंडक्टर के निर्माण पर चीन, ताइवान और जापान का एकाधिकार रहा है। खासकर चीन की अर्थव्यवस्था में चिप का कारोबार और एक्सपोर्ट का हिस्सा बहुत व्यापक है। जो बताता है, कि किस तरह ‘ड्रैगन’ ने अमेरिका समेत दुनिया तमाम देशों को सेमीकंडक्टर और सिलिकॉन चिप बेचकर अपना ख़ज़ाना भरा है। लेकिन अब सेमीकंडक्टर के निर्माण में उतरकर भारत भी चीन को चुनौती देने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में भारत में 27 अरब डॉलर का सेमीकंडक्टर और माइक्रो चिप का बाजार है। इतना ही नहीं सेमीकंडक्टर और चिप का कारोबार 19 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर के साथ साल 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं अब तक भारत सेमीकंडक्टर का 100 फ़ीसदी आयात करता है, जिससे भारत का सालाना 1.90 लाख करोड़ रुपये सेमीकंडक्टर खरीदने में चला जाता है जोकि दूसरे देशों से आते हैं। जिसमें बहुत बड़ा हिस्सा चीन को भी जाता है, यानी हमारे पैसे से हमारे ऊपर ही धौंस जमाने वाले चीन को सेमीकंडक्टर से बड़ा झटका लगने वाला है।
This MoU is an important step accelerating India’s semi-conductor manufacturing ambitions. The investment of Rs 1.54 lakh crore will create a significant impact to boost economy and jobs. This will also create a huge ecosystem for ancillary industries and help our MSMEs. https://t.co/nrRbfKoetd
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2022
सस्ते होंगे मोबाइल, लैपटाप और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम
ऐसे में ये भी दावा किया जा रहा है कि इस संयंत्र (India first semiconductor plant) के लगने के बाद भारत चीन से 40 फ़ीसदी इलेक्ट्रॉनिक इंपोर्ट घटा सकता है। वैसे कोरान काल के बाद से दुनिया सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही है। भारत में भी यही हालात थे.. इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसी कंपनियां इससे काफी प्रभावित भी हुई हैं। लेकिन अब जब भारत मे ही सेमीकंडक्टर का निर्माण होगा तो माना जा रहा है कि इसके चलते मोबाइल, लैपटाप और टैबलेट के दाम सस्ते हो सकते हैं।