कोर्ट में पेशी के दौरान रो पड़े पार्थ चटर्जी और अर्पित मुखर्जी, बोले- प्लीज़ हमें जीने दें
आजादी के बाद से 75 साल के देश के शासन काल में कई सारे भ्रष्टाचार के मामले और घोटाले सामने आए हैं। इन मामलों ने खबरों में सुर्खियां बनाते हुए आम जनमानस में भी खूब सनसनी फैलाई। पश्चिम बंगाल में हुए ऐसे ही एक घोटाले के चर्चें इन दिनों मीडिया समेत पूरे देश में है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल हुए शिक्षक भर्ती घोटाला की, जिसमें संलिप्त पाए जाने के आरोप में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी जेल में बंद हैं।
बीते दिनों पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को लेकर जहां कई बड़ी खबरें सामने आई हैं तो अब इस मामले में ताजा अपडेट ये है दोनों ही आरोपी अब पूरी तरह से टूट चुके हैं और खुद को निर्दोष बताते हुए रहम की बातें कर रहे हैं।
गौरतलब है कि दोनों पर बड़े भ्रष्टाचार का आरोप है, दोनों की जमानत याचिकाओं पर कोर्ट में बहस हो रही है, लेकिन फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही। ऐसे में जेल की सलाखों में उनके दिन कैसे कट रह हैं, उसकी एक-बानग़ी अहसास तब हुआ, जब दोनों को वर्चुअल तरीके से बीते बुधवार, 14 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया। बताया जा रहा है कि दोंनों कोर्ट के सामने सुनवाई शुरु होते ही रो पड़े। पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) ने गिड़गिड़ाते हुए जज साहब के सामने कहा कि ‘मेरी हालत खराब है, मुझे इलाज की जरूरत है’। ऐसे में कोर्ट रूम में उन्हें संभाला ही जा रहा था तभी अर्पिता मुखर्जी भी भावुक हो गईं और रोने लगीं।
पार्थ चटर्जी ने अपनी पारिवारिक साख का हवाला देते हुए खुद को बेगुनाह बताया
ऐसे में पार्थ को रोते हुए देख जज विद्युत कुमार रॉय ने पार्थ चटर्जी को खुल कर अपनी बार रखने को कहा। इस पर पार्थ चटर्जी ने अपने राजनीतिक जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि वे सार्वजनिक रूप से अपनी छवि को लेकर बेहद चिंतित हैं। पार्थ चटर्जी ने कहा कि उन्हें राजनीति का शिकार बनाया गया है, साथ ही उन्होंने कोर्ट से ये अपील भी कि ED को एक बार उनके घर और उनके विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने के लिए कहें।
उन्होंने कोर्ट को ये यकीन दिलाने की कोशिश की, कि वे किसी घोटाले में कैसे शामिल हो सकते हैं, जबकि वे एक समृद्ध और संपन्न परिवार से हैं, उनकी बेटी विदेश में रहती है। जबकि वे खुद एक मेरिट और ब्रिटेन से स्कॉलरशिप पाए हुए छात्र रह चुके हैं। Partha Chatterjee ने कहा कि वे किसी घोटाले में शामिल नहीं रहे हैं और उन्हें न्याय से पहले मेडिकल ट्रीटमेंट की ज़रूरत है, जो उन्हें दिया जाना चाहिए।
इसके साथ ही पार्थ चटर्जी ने कोर्ट को बताया कि उन्हें कई बार दवा लेनी पड़ती है, जो जेल में रहते हुए संभव नहीं हो पा रहा। उन्होंने बताया कि उन्हें नियमित इलाज की भी ज़रूरत है, कियोंकि उनकी सेहत पहले से भी ज़्यादा खराब रहने लगी है। पार्थ चटर्जी ने कोर्ट में इस बात को ज़ोरदार तरीके से रखा कि उनके घर की 30 घंटे से ज़्यादा वक्त तक तलाशी ली गई थी, लेकिन जांट में शामिल टीम को कुछ नहीं मिल सका। इसके बाद भी उन्हें जेल में बंद रखा गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य हो रहा है, कि उन्हें जमानत क्यों नहीं मिल पा रही।
अर्पिता मुखर्जी ने अपने मध्यमवर्गीय परिवार और मां की दी दुहाई
वहीं पार्थ चटर्जी के बाद अर्पिता मुखर्जी को भी वर्चुअली कोर्ट में पेश किया गया। अर्पिता ने कोर्ट में अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्हें ये पता नहीं कि उनके साथ ये सब कैसे हुआ। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि ईडी ने आखिर उनके आवास से इतनी बड़ी रकम कैसे बरामद की। अर्पिता ने कहा, कि उन्हें नहीं मालूम कि नोटों के इतने बंडल उनके घर में कैसे पहुंच गए।अपनी सफाई पेश करते हुए अर्पिता मुखर्जी ने कहा, कि वो एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके परिवार में उनकी एक 82 वर्षीय मां भी हैं, जबकि पिता का निधन हो चुका है। उन्होंने कहा कि उनकी मां की तबीयत खराब रहती है, लेकिन जेल में होने के कारण वो उनकी देखभाल नहीं कर पा रहीं।
बता दें कि पार्थ और अर्पिता की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। ईडी ने उन्हें फिर से हिरासत में लेने की अपील की है।