70 साल बाद पीएम मोदी के जन्मदिन पर देश को मिलेंगे 8 चीते, नामीबिया से विशेष विमान में होगा आगमन

70 साल पहले देश से विलुप्त हो चुके चीतों को एक बार फिर भारत में बसाने (Cheetah in India) की तैयारी हो गई हैं। जी हां, बता दें कि इसके लिए भारत ने नामीबिया से चीतों को लाने की संधि की है, जिसके तहत 8 चीतों का विशेष विमान आज (16 सितम्बर) नामीबिया से ग्वालियर लाया जा रहा है। बता दें कि इन 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे।
जी हां, एक तरह से नामीबिया से लाए जा रहे ये 8 चीते पीएम मोदी के जन्मदिन का तोहफा माने जा रहे हैं। 17 सितम्बर को अपने जन्मदिन के मौके पर पीएम खुद इन चीतों की अगवानी करेंगे और साथ ही इन्हें जंगल में छोड़ेंगे।
विशेष विमान से भारत लाए जा रहे हैं आठ अफ्रीकी चीते
गौरतलब है कि इन आठ अफ्रीकी चीतों, जिनमें 5 मादा और 3 नर हैं, इन सभी को एक खास विमान से भारत लाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ये एयरक्राफ्ट बेहद खास है, जो बिना रुके एक देश से दूसरे देश की लंबी दूरी तय सकता है। इस विमान को इसलिए चुना गया है कि ताकी नामीबिया से इंडिया लाते वक्त इसे री-फ्यूलिंग के लिए बीच में कहीं न रुकना न पड़े।
बता दें कि ये विशेष विमान आज 16 सितंबर को नामीबिया से भारत के लिए उड़ान भरेगा, जो कल यानी 17 सिंतबर को ग्वालियर में लैंड करेगा। वैसे पहले चीतों का ला रही है ये विशेष चार्टर कार्गो फ्लाइट जयपुर में उतरने वाली थी। लेकिन अब योजना में बदलाव किया गया है, जिसके अनुसार ये विमान अब सीधे ग्वालियर में उतरेगी। फिर वहां से चीतों को हेलीकॉप्टर के जरिए कूनो नेशनल पार्क श्योपुर लाया जाएगा।
पशु चिकित्सकों की निगरानी में आसमान की उड़ान भरेंगे चीते
वहीं बताया जा रहा है कि इस विशेष विमान में चीता की निगरानी और देखभाल के लिए पशु चिकित्सकों और विशेषज्ञो का एक पैनल भी मौजूद रहेगा। 16 घंटे की लंबी उड़ाने के दौरान ये पैनल चीतों के स्वास्थ्य और उनकी बाकी हरकतों पर नजर रखेगा। इसके लिए विमान को खास तौर पर इस तरह से तैयार किया गया है कि इसमें रखे पिंजरों के बीच इतनी जगह हो कि पशु चिकित्सक आसानी से हर एक चीते पर नजर रख सकें। वहीं इन चीतों को उड़ान के दौरान कुछ भी नहीं खिलाया जायेगा, इन्हें सीधे कूनो उद्यान पहुंचने पर ही खाने को दिया जायेगा। दरअसल, पशु चिकित्सकों की माने तो चीता एक बार खाने के बाद 24 से 48 घंटे बाद ही खाना खाते हैं।
साल 1947 से भारत में विलुप्त हो चुकी है चीतों की प्रजाति
बता दें कि देश में चीतों का अधिक शिकार होने के चलते 1947 से चीतों की विलुप्त हो चुकी है। बताया जाता है कि साल 1947 में मध्य प्रदेश में महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने आखिरी तीन चीतों का शिकार कर डाला था। जिसके बाद साल 1952 में भारत सरकार को आधिकारिक तौर पर देश में चीतों को विलुप्त घोषित करना पड़ा। ऐसे में देखा जाए तो भारत में तकरीबन 70 साल बाद चीता (Cheetah in India) देखने को मिलेगा, इसलिए पीएम मोदी समेत पूरे देशवासियों के लिए ये क्षण ऐतिहासिक बन चुका है।