5 किलो सोना, 60 किलो चांदी और 5 करोड़ कैश.. कोविड के बाद लालबाग के राजा को मिला जी खोलकर चढ़ावा

कोविड की पाबंदियां हटने के साथ ही देश में तीज-त्योहारों की रौनक जाग उठी है, जहां लोग बढ़ चढ़ कर त्योहार उत्सवों में भाग लेने लगें है। इसकी बानगी हाल में मने गणेशोत्सव के दौरान भी देखने को मिला है। गौरतलब है कि 2 साल बाद पूरे देश में गणपित महोत्सव को बेहद हर्षों उल्लास के साथ मनाया गया है। खास तौर पर बात करें महाराष्ट्र में लालबाग के राजा की तो इस बार यहां गणपति पूजा (Lalbaug raja ganpati mahotsav) की रौनक देखने लायक थी। जहां लोगों ने न सिर्फ बढ़ चढ़ कर पूजा समारोह में हिस्सा लिया है बल्कि लालबाग के राजा को जी खोलकर चढ़ावा भी दिया है।
लाखों लोग करते हैं लालबाग के राजा के चरणों में दान
बता दें कि लालबाग का राजा महाराष्ट्र का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश महोत्सव मंडल है, जो 10 दिनों का विशाल समारोह आयोजित करता है। बताया जाता हैं कि यहां लगभग कई किलो मीटर की लंबी भक्तों की कतार लगती है। दरअसल, यहां विराजमान गणपति को ‘नवसाचा गणपति’ यानी इच्छाओं की पूर्ति करने वाले के रूप में भी जाना जाता है।
ऐसे में हर साल यहां लाखों लोग अपनी मनोकामना लिए बप्पा के दर्शन पाने आते हैं। 10 दिनों तो धूम धाम से बप्पा की पूजा-अर्चना के बाद उन्हें उतने ही उत्साह और श्रद्धा से विदा किया जाता है। इस बार भी भारी संख्या में श्रद्दालु लालबाग के राजा के दरबार में पहुंचें और उन्हे ढ़ेरों चढ़ावा दिया।
बप्पा को चढ़ाए गए कीमती सामान के नीलामी में लगीं उंची बोली
बता दें कि इस बार लाल बाग के राजा के दरबार (Lalbaug raja ganpati mahotsav) में भक्तों ने बप्पा के चरणों में लगभग 5 किलो 424.910 ग्राम सोना, 60 किलो 341 ग्राम चांदी और 5 करोड़ से अधिक का कैश दान दिया है। वहीं हर साल गणपति विसर्जन के बाद बप्पा के चरणों में भक्तों द्वारा चढ़ाए गए सोने और चांदी के आभूषणों और सामान की नीलामी भी की जाती है। इस बार इस नीलामी में लोगों ने बढ चढ़ कर हिस्सा लिया और दान की गई वस्तुओं की उंची कीमत अदा की।
इस बारे में लाल बाग राजा गणेश महोत्सव मंडल के मनोनीत सेक्रेटरी सुधीर सालवी ने बताया है कि कोराना काल के दो साल के अंतर के बाद इस साल आयोजित गणेश उत्सव में लोगों ने बप्पा के चरणों मे जी खोलकर चढ़ावा दिया है। इनमें सोना-चांदी के आभूषण, नकद रूपए से लेकर कीमती सामान तक शामिल है।