‘जेल में बुलबुल आते, सावरकर पंखों पर बैठ उड़ जाते’, कर्नाटक में 8वीं की पुस्तक में जुड़ा चैप्टर

कर्नाटक सरकार एक बार फिर चर्चा में आ गई है। कर्नाटक में विनायक दामोदर सावरकर को लेकर अब एक नया बवाल शुरू हो चुका है। दरअसल राज्य की बीजेपी सरकार ने आठवीं क्लास के सिलेबस में संशोधन के बाद विनायक दामोदर सावरकर से जुड़ा एक नया अध्याय जोड़ा है। इसमें कन्नड़ भाषा की एक पाठ्य पुस्तक में वीर सावरकर को लेकर एक चौंकाने वाला दावा किया गया है।
किताब में उस वक्त का जिक्र किया गया है, जब विनायक दामोदर सावरकर अंडमान निकोबार द्वीप के जेल में कैद थे तो वो बुलबुल (पक्षी) के पंखों पर बैठकर अपनी जन्मभूमि के भ्रमण के लिए उड़ान भरते थे। इस दावे को लेकर अब एक नया बवाल खड़ा हो गया है। बता दें कि 8वीं क्लास की इस पुस्तक में पहले यह अध्याय शामिल नहीं था। इसे हाल ही में नए संशोधन के बाद जोड़ा गया है। अब इस पुस्तक के नए अध्याय का यह अंश वायरल हो रहा है।
दरअसल, बीजेपी सरकार ने किताब में नए संशोधन की जिम्मेदारी रोहित चक्रवर्ती की अध्यक्षता में रिवीजन कमेटी को सौंपी थी। हालांकि, बाद में यह कमेटी भंग कर दी गई थी। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लग रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि कर्नाटक में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास कर रही है। दरअसल, कर्नाटक में 8 वीं क्लास की पाठ्य में वीर सावरकर को लेकर नया अध्याय जोड़ा गया है।
राज्य की संशोधित पाठ्य में विनायक सावरकर पर एक खंड डाला गया है। पुस्तक में लिखा गया है कि जब सावरकर अंडमान जेल में बंद थे, तो वहां कोई भी सुराख नहीं था। लेकिन वहां एक बुलबुल पक्षी आया करती थी और सावरकर उस पर बैठकर जेल से बाहर की यात्रा किया करते थे।
सावरकर की जेल में आती थी बुलबुल
पाठ्य पुस्तक संशोधन समिति ने कथित तौर पर राज्य में संशोधित आठवीं क्लास के पाठ्यक्रम में विनायक दामोदर सावरकर पर एक अंश डाला है, जिसमें सावरकर को लेकर जिक्र किया गया है। पाठ्य पुस्तक में सावरकर पर नए अध्याय के मुताबिक “जिस कोठरी में सावरकर को कैद किया गया था, उस कोठरी में एक चाबी का छेद भी नहीं था। लेकिन, बुलबुल पक्षी कमरे में आते थे, और सावरकर उनके पंखों पर बैठकर उड़ान भरते थे और हर दिन मातृभूमि की यात्रा करते थे।” आठवीं क्लास की कन्नड़ पाठ्य पुस्तक के मुताबिक सावरकर अंडमान जेल में कैद थे तब वह पक्षियों के पंख पर बैठकर बैठकर अपनी मातृभूमि के भ्रमण पर जाते थे।
वही 8वीं क्लास की पुस्तक के इस अध्याय को लेकर आलोचकों का कहना है कि यह छात्रों के लिए भ्रम पैदा करने वाला है। वहीं विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी सरकार दोबारा इतिहास लिखने का प्रयास कर रही है। जबकि टेक्स्ट बुक बनाने वाले लोगों की तरफ से ऐसा कहा गया है कि इस बात पर विवाद बेकार है। उन्होंने तर्क दिया है कि किताब में इस लाइन का इस्तेमाल मुहावरे के तौर पर किया गया है। अब इस पुस्तक के नए अध्याय का यह अंश इंटरनेट पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।