महेश भट्ट को है मुस्लिम माँ की नाजायज औलाद होने का बड़ा मलाल, खुद को समझते हैं नाजायज

बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म मेकर महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) 74 साल के हो चुके हैं. रंगीन मिजाज के लिए पहचाने जाने वाले महेश भट्ट हमेशा ही किसी न किसी वजह से सुर्ख़ियों में रहे है. उनका और विवादों का नाता पिछले जन्म का है. महेश भट्ट का जन्म 20 सितम्बर 1948 को हुआ था. उनका जन्म भी विवादित है और इस बात का खुलासा खुद महेश भट्ट ने किया था.
उन्होंने कहा था कि वह मुस्लिम मां की नाजायज औलाद हैं. इतना ही नहीं दिग्गज फिल्म मेकर यह तक कह चुके हैं कि उन्हें अपना नाम पसंद नहीं था, क्योंकि यह नाम उन्हें उस पिता से मिला था, जिसके साथ महेश की कोई यादें नहीं हैं.
गौरतलब है कि महेश भट्ट ने वर्ष 2018 में एक निजी अखबार को इंटरव्यू दिया था. इस दौरान हुई बातचीत में उन्होंने कहा था कि, “मैं यह नहीं जानता कि पिता हकीकत में क्या होता है. मेरा तो कोई पिता था ही नहीं. इतना ही नहीं मेरे पास तो पिता की कोई सार्थक याद भी नहीं है. इसलिए मुझे इस बारे में भी नहीं पता की एक पिता की क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए. मैं अपनी सिंगल मुस्लिम मदर शिरीन मोहम्मद अली की एक नाजायज़ औलाद हूं.”
इसके बाद जब उनसे पूछा कि उनका महेश नाम किसने रखा है. क्योंकि उनकी माँ इस तरह का नाम तो नहीं रखती. इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे आज भी याद है कि मैंने मां से अपने नाम का मतलब पूछा था. माँ ने जवाब दिया था कि वह मेरे पिता से पूछ कर बताएंगी. क्योंकि उनके द्वारा ही मेरा यह नाम रखा गया था. इसी वजह से मैंने इंतज़ार किया. जब वह अगली बार आए तो उन्होंने बताया कि महेश का अर्थ होता है महा-ईश. देवों के देव. मगर बचपन में मुझे यह गुस्से वाले भगवान् पसंद नहीं थे. जिन्होंने क्रोध में आकर अपने ही बैठे का गला काट दिया था.’
इसके आगे महेश बताते है कि, ‘उन्हें गणेश नाम काफी पसंद था. क्योंकि मैं बचपन में अपने तकिए में सिर छुपाकर ही छोटे से गणेश की तरह सोता था. वह मेरे पसंदिता थे. भगवान गणेश के पिता की तरह ही मेरे लिए भी मेरे पिता एक अजनबी थे. वह गैरमौजूद थे. मेरे साथ नहीं थे.’
महेश भट्ट के पिता नाना भाई भट्ट फिल्मों के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे, जो ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखते थे. वहीं उनकी माँ शिरीन मोहम्मद अली मुस्लिम और गुजराती एक्ट्रेस थी. नाना भाई भट्ट को शिरीन से प्यार हो गया. लेकिन वह समाज के दबाव के चलते उनसे शादी नहीं कर पाए. नाना भाई भट्ट ने चालीस करोड़’ (1946), ‘लक्ष्मी नारायण’ (1951), ‘मिस्टर एक्स’ (1957), ‘आधी रात के बाद’ (1965) और ‘कब्ज़ा’ (1985) जैसी फिल्मों का निर्माण किया था.