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NCERT की किताब में महाभारत को ले कर दी गई गलत जानकारी, गीता प्रेस गोरखपुर ने किया खुलासा

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताब में बच्चों को महाभारत से जुड़ी गलत जानकारी दी जा रही है। इस किताब के जरिए बच्चों को बताया जा रहा है कि जरासंध ने भगवान कृष्ण को युद्ध में हरा दिया था। इस वजह से कृष्ण को द्वारका जाना पड़ा था। गोरखपुर के सेंट्रल स्कूल में सातवीं क्लास की किताब में दी गई इस गलत जानकारी के कारण विवाद हो गया है और गीता प्रेस और गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स ने इसपर आपत्ति जताई है।

गीता प्रेस और गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स के अनुसार महाभारत में कहीं भी ये जिक्र नहीं किया गया है कि जरासंध ने भगवान कृष्ण को युद्ध में हरा दिया था और इस वजह से कृष्ण को द्वारका जाना पड़ा था।

क्या लिखा है किताब में

किताब के पेज नंबर 33 के अध्याय 14 के मुताबिक कृष्ण राजसूय यज्ञ के लिए युधिष्ठिर से चर्चा कर रहे थे। कृष्ण जी कहते हैं कि इस यज्ञ में सबसे बड़ी बाधा मगध देश का राजा जरासंध है। जरासंध को हराए बिना यज्ञ कर पाना संभव नहीं है। हम तीन साल तक उसकी सेनाओं से लड़ते रहे और हार गए। हमें मथुरा छोड़कर दूर पश्चिम द्वारका में जाकर नगर और दुर्ग बनाकर रहना पड़ा।

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर राजवंत राव ने बताया कि NCERT या किसी भी किताब में इस तरह के झूठ और शब्दों का इस्तेमाल करना सही नहीं है। जरासंध से भगवान कृष्ण के हारने का कोई भी जिक्र महाभारत में नहीं किया गया है। इसके अलावा पुराणों या कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है।

जबकि इस मामले पर गीता प्रेस गोरखपुर के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने भी कहा कि महाभारत में कहीं भी भगवान कृष्ण के जरासंध से हारने का जिक्र नहीं मिलता है। हालांकि ये बात जरूर कही गई है कि जरासंध से तंग ही कृष्ण द्वारका चले गए थे। महाभारत में राजसूय यज्ञ पर 14वें अध्याय का 67वां श्लोक है। इसमें भीम के हाथों जरासंध के मारे जाने का जिक्र है। कृष्ण जरासंध को बार-बार हराते थे। लेकिन वो हार नहीं मान रहा था। ऐसा 16 बार हुआ। इसके बाद कृष्ण ने सोचा जरासंध बार-बार हमला करता है, तो लोग मारे जाते है।  कृष्ण ये भी जानते थे कि जरासंध की मौत उनके हाथों नहीं लिखी है। लिहाजा, उन्होंने मथुरा को छोड़ दिया और द्वारका जाकर रहने लगे।

महाभारत के अनुसार कृष्ण ने कंस का वध किया था। इससे नाराज होकर कंस के रिश्तेदार जरासंध ने मथुरा पर लगातार हमला करना शुरू कर दिया था। कृष्ण जरासंध को मिले वरदान के बारे में जानते थे और उन्हें पता था कि किसी हथियार से जरासंध की मौत नहीं हो सकती थी। इसलिए कृष्ण द्वारका चले गए ताकि मथुरा के लोग सुख-शांति से रह सकें। कृष्ण जी को जब जरासंध को मारने का मौका मिला तो उन्होंने भीम की मदद से उसका वध कराया।

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