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दरियादिल इंसान थे राजू श्रीवास्तव, उनकी दरियादिली के किस्से सुनाते हुए एहसान कुरैशी हुए भावुक

सबको अपने जोक से हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव अब हमारे बीच में नहीं रहे। मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का 21 अगस्त को 58 वर्ष की आयु में निधन हो गया। राजू श्रीवास्तव देश के सबसे पसंदीदा कॉमेडियन में से एक थे। 10 अगस्त को कार्डियक अरेस्ट के बाद राजू श्रीवास्तव को दिल्ली के एम्स अस्पताल में एडमिट कराया गया था।

दरअसल, राजू श्रीवास्तव दिल्ली के एक जिम में ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज करते हुए अचानक बेहोश होकर गिर पड़े थे, जिसके बाद ट्रेनर उन्हें अस्पताल ले गए और वहां उन्हें सीपीआर दिया गया था। उसके बाद एंजियोप्लास्टी की गई थी। लेकिन हर संभव कोशिशों के बावजूद भी राजू श्रीवास्तव को नहीं बचाया जा सका।

राजू श्रीवास्तव के निधन की खबर सामने आने के बाद हर तरफ शोक लहर दौड़ पड़ी। दोस्त, परिवार ही नहीं बल्कि उनके फैंस भी राजू श्रीवास्तव के जाने का गम मना रहे हैं। कॉमेडियन के अंतिम संस्कार पर उनके दोस्त पहुंचे और अपनी-अपनी तरफ से श्रद्धांजलि दी। वही राजू श्रीवास्तव के खास मित्र एहसान कुरैशी भी अपने दोस्त की अंतिम विदाई पर पहुंचे।

एहसान कुरैशी ने इस दौरान ऐसी-ऐसी बातें बताई, जिन्हें सुनने के बाद हर किसी के मन में राजू के लिए इज्जत और बढ़ जाएगी। एहसान कुरैशी ने जो बातें बताईं, उसके बारे में आम जनता को पता तक नहीं था।

राजू श्रीवास्तव करते थे स्ट्रगलर की मदद

एहसान कुरैशी ने राजू श्रीवास्तव के बारे में बात करते हुए यह बताया कि अगर राजू श्रीवास्तव को यह पता चल जाए कि इंडस्ट्री में कोई स्ट्रगलर है, एक महीने से उसका शो नहीं हुआ और उसने किराया नहीं दिया, तो वहीं से राजू भाई का काम शुरू हो जाता है। बंद मुट्ठी उसका किराया हो जाता है, उसके घर राशन पहुंच जाता है। एहसान कुरैशी ने यह बताया कि राजू भाई ने यह काम लोगों को कभी नहीं दिखाया गया था।

एहसान कुरैशी की भी की मदद

एहसान कुरैशी यह बताते हैं कि किस प्रकार से राजू श्रीवास्तव ने उनके ऊपर एहसान किया था। एहसान कुरैशी ने कहा कि 16 साल पहले जब उन्होंने घर लिया था तो उन्हें 5 लाख रुपए कम पड़ रहे थे। एहसान कुरैशी ने बताया कि मैंने राजू भाई से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने तुरंत ही मेरी मदद की। पैसे दिए और घर की रजिस्ट्री करवाई। राजू श्रीवास्तव, एहसान कुरैशी को छोटा भाई मानते थे। इसी वजह से वह बेहद भावुक होते हुए भी दिखे।

कानपुर के रहने वाले गजोधर भैया

राजू श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रहने वाले थे। 25 दिसंबर 1963 को राजू श्रीवास्तव का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। राजू श्रीवास्तव ने अपनी मेहनत और काबिलियत से वह सब कुछ हासिल किया था जिसका वह सपना देखते थे। राजू श्रीवास्तव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने जीवन में तमाम मुश्किलें झेली।

अपने हुनर से लोगों को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर देने वाले हम सभी के प्यारे “गजोधर भैया” राजू श्रीवास्तव 21 सितंबर की सुबह 10:20 बजे पर इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए। राजू श्रीवास्तव करीब 42 दिन तक जिंदगी और मृत्यु के बीच जंग लड़ते लड़ते हार गए। सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव सभी को रोता-बिलखता हुआ छोड़ गए।

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