नदी में लोग कचरा न फेंके इसलिए पूरा दिन पूल पर खड़ा रहा ये शख्स, देखें फिर क्या हुआ
त्यौहार का सीजन खुशियां लेकर आता है। हालांकि इन खुशियों की कीमत नेचर को भी चुकानी पड़ती है। उदाहरण के लिए त्यौहार खत्म होने के बाद बड़ी भारी मात्रा में लोग नदियों में ‘व्यर्थ पूजा सामग्री’ डालते हैं। इससे जल प्रदूषण होता है। नदियों का पानी दूषित हो जाता है और पीने योग्य भी नहीं रहता है। इस चीज को रोकने के लिए सरकार ने भी कई प्रयास किए हैं। जैसे इको-फ़्रेंडली प्रोडक्टस को प्रमोट करना, नदी में मूर्ति विसर्जन पर बैन लगाना इत्यादी। हालांकि लोग इन सब चीजों से भी नहीं सीखते हैं।
ऐसे में नाशिक के इंदिरानगर में बहने वाली गोदावरी नदी को दूषित होने से बचाने के लिए एक हीरो आ गया। इस हीरो का नाम किशोर पाटील है। किशोर दशहरा के बाद गोदावरी नदी के किनारे एक सिटी लिए दिनभर खड़े रहे। जब भी कोई व्यक्ति नदी में ‘व्यर्थ पूजा सामग्री’ फेंकने आता तो वह उसे मना करते और वहां साइड में सामान रखवा देते। ऐसा करते करते दिनभर में उन्होंने कई सारी व्यर्थ चीजें नदी में जाने से बचा ली।
इस प्रकृति के इस हीरो के बारे में IFS स्वेता बोड्डु (Swetha Boddu) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बताया। उन्होंने किशोर पाटील की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा ‘मैंने इस आदमी को पूरे दिन रोड पर हाथ में सिटी लिए खड़े हुए देखा। वह दशहरा के बाद की व्यर्थ पूजा सामग्री के प्लास्टिक बैग्स को नाशिक की गोदावरी नदी में फेंकने से रोक रहा था।’
I saw this man stand on this road entire day with a whistle in hand to stop people from throwing Dussehra ‘holy waste’ in #Plastic bags into Godavari @Nashik
Dear Mr Patil, Respect! pic.twitter.com/Q3hj5ggP5v
— Swetha Boddu, IFS (@swethaboddu) October 31, 2020
किशोर पाटील बताते हैं कि वे इस नदी के पास में ही रहते हैं। उन्होंने देखा कि हर साल इस नदी की हालत और भी खस्ता होती जा रही है। ऐसे में पीछे 5 सालों से उन्होंने इसे दूषित होने से बचाने का प्रण लिया। वे नदी के पास सुबह 11 बजे से खड़े हो जाते हैं। उनके हाथ मैं एक सिटी रहती है। जब भी कोई नदी में व्यर्थ पूजा सामग्री फेंकने आता है तो वह उन्हें रोक देते हैं। कई बार लोग उनसे बेकार तरीके से बात करते हैं। गुस्सा होते हैं। हालांकि फिर भी वे अपने इस काम को नहीं छोड़ते हैं और रात तह खड़े रहते हैं।
वे जागरूकता फैलाने के लिए अपनी बोतल में नदी का पानी भी रखते हैं। जब भी कोई आता है तो वे उसे बताते हैं कि देखिए कैसे जल प्रदूषण की वजह से ये पानी पीने लायक नहीं रहा है। वे यह काम पिछले 5 साल से हर साल कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे आगे भी ये काम अपनी अंतिम सांस तक करते रहेंगे।
उन्होंने जो भी कचरा नदी में जाने से रोका है उसे बाद में नगर पालिका वाले आकर ले गए। IFS अधिकारी के ट्वीट के बाद वे सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं और लोग उन्हें ‘नेचर का हीरो’ कहकर पुकार रहे हैं।