डिप्रेशन में आकर आत्महत्या करने वाली थी दीपिका पादुकोण, माँ ने समय रहते भांप लिया और बचा लिया

बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण इंडस्ट्री का बहुत बड़ा नाम है. दीपिका आज इंडस्ट्री की बड़ी और सीनियर एक्ट्रेस में शुमार होती है. वह अकेले अपने दम पर फिल्म हिट करा सकती है. देश और दुनिया में उनके लाखों चाहने वाले है. फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू के बाद कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है. उनकी एक्टिंग की तारीफ़ हर जगह होती है. लेकिन दीपिका पादुकोण भी एक समय में गहरे अवसाद का सामना कर चुकी है. वह तो आत्महत्या तक के बारे में सोचने लगी थी, हालांकि उनकी मां ने उन्हें इस कठिन समय से बाहर निकाला.
मां ने निकाला दीपिका को डिप्रेशन से
आपको बता दें कि इस समय अभिनेत्री दीपिका तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में हैं. वह 10 अक्टूबर यानी आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस ( World Mental Health Day ) से पहले अपने मेंटल हेल्थ फाउंडेशन लाइव लव लाफ के रुरल कम्युनिटी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का विस्तार कर रही है. एक्ट्रेस ने अपनी इस यात्रा के दौरान मेंटल हेल्थ को स्वस्थ रखने का महत्त्व समझाया.
दीपिका पादुकोण ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया की वह डिप्रेशन का शिकार हो चुकी थी. एक समय में तो उन्होंने आत्महत्या तक के बारे में मन बना लिया था. एक्ट्रेस ने साथ ही बताया कि अगर उनकी माँ ने उन्हें उस समय नहीं संभाला होता तो वह नहीं जानती कि वह आज किस दशा में होती.
परिवार काफी मायने रखता है.
इस दौरान जब दीपिका से मानसिक स्वास्थ्य में परिवार के योगदान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, यह बेहद जरुरी है. मेरी खुद की जिंदगी में भी देखभाल करने वालों की भूमिका काफी खास रही है. अभिनेत्री ने वर्ष 2015 में अपनी मेंटल हेल्थ के बारे में सभी को बताया था. उन्होंने बताया वह उस समय तकरीबन एक साल से ज्यादा समय से तनाव से गुजर रही थी. इसके बाद उन्होंने मदद मांगी थी. दीपिका का फाउडेंसन, Live Love Laugh का मोटिव उन लोगों की मदद करना है जो अपने मानसिक स्वास्थ्य का सामना कर रहे है.
अपनी मां के सामने खूब रोईं थी दीपिका
दीपिका पादुकोण ने एक अन्य कार्य्रक्रम के दौरान अपने डिप्रेशन के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था कि, ‘मेरे पैरेंट्स बेंगलुरु में निवास करते है. लेकिन वह अक्सर ही मुझसे मिलने आते थे. मैं डिप्रेशन में होने के बाद भी ऐसा शो करती थी कि सब कुछ ठीक है. इसी बीच जब वह वापस बेंगलुरु जा रहे थे तो मैं टूट चुकी थी. इसी दौरान मेरी माँ ने पूछा, क्या यह सब किसी बॉयफ्रेंड की वजह से है, या काम की वजह से ? मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं होता था. क्योंकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था. बस मुझे अपने आस-पास कुछ कमी से लग रही थी. हालांकि वह बिना बताये ही सब कुछ समझ गई. मुझे ऐसा लगता है कि उस समय उन्हें मेरे पास भगवान ने भेजा था.