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अनोखी है मुलायम और साधना गुप्ता की प्रेम कहानी, प्यार में पड़ने के साथ ही मिल गया सीएम का पद

Mulayam sadhna love story: समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के 3 बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया है। मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिनका इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में पिछले काफी दिनों से चल रहा था। बुजुर्ग हो चुके मुलायम की तबियत पिछले दो साल से ज्यादा खराब थी, लेकिन नौ जुलाई को जब उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का निधन हुआ, उसके बाद से वह ज्यादा ही टूट गए थे।

साधना गुप्ता की मौत के 3 महीने बाद मुलायम सिंह ने भी छोड़ी दुनिया

पत्नी साधना गुप्ता की मौत के 3 महीने बाद ही मुलायम सिंह ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। खास बात ये है, कि गुरुग्राम के इसी मेदांता अस्पताल में आज से ठीक 93 दिन पहले मुलायम की दूरी पत्नी साधना गुप्ता ने भी अपनी आखिरी सांस ली थी। कहा जाता है, कि मुलायम सिंह यादव साधना गुप्ता को अपना लकी चार्म मानते थे। मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता की लव स्टोरी बेहद अनोखी है. आईए आपको बताते हैं, साधना गुप्ता ने कैसे जीता था मुलायम का दिल।

कहते हैं मुलायम सिंह का राजनीतिक सितारा जब बुलंदियों पर था, तब साधना गुप्ता उनकी जिंदगी में आई थी। साधना गुप्ता उन्हीं के जिला इटावा के बिधुना तहसील की रहने वाली थीं। साधना का परिवार मेडिकल से जुड़ा हुआ था। साधना ने नर्सिंग की पढ़ाई की थी। साधना की पहली शादी परिवार की मर्जी से 4 जुलाई 1986 को फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी। शादी के 1 साल बाद 7 जुलाई 1987 को एक बेटे के माता-पिता बने, जिसका नाम प्रतीक रखा गया। हालंकि दो साल बाद ही दोनों के रिश्ते खराब हो गए। फिर दोनों ने अलग होने का फैसला किया।

पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग होने के बाद साधना ने राजनीति में कदम रखा। वह समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ता बनीं। इस दौरान उनकी मुलाकात मुलायम सिंह यादव से होने लगी। वो अकसर सैफई में नेता जी से मिलने लगी। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। साधना सैफई से लेकर लखनऊ तक सक्रिय हो गई।

अखिलेश यादव की बायोग्राफी में है मुलायम और साधना के रिश्ते का जिक्र

अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में मुलायम सिंह और साधना गुप्ता के रिश्ते का जिक्र मिलता है। इस किताब में लिखा गया है कि मुलायम की मां मूर्ति देवी अक्सर बीमार रहती थीं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब साधना गुप्ता भी मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं। एक बार सैफई मेडिकल कॉलेज में एक नर्स गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, ठीक उसी वक्त साधना ने सतर्कता बरतते हुए नर्स को रोका था। उस दौरान दरअसल, साधना भी नर्स रही थीं। उन्होंने नर्सिंग का कोर्स करने के बाद कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया था। जब ये बात मुलायम सिंह यादव को मालूम हुई तो उन्होंने स्वयं साधना गुप्ता को बुलाकार शाबासी दी।

मुलायम सिंह यादव को साधना ने बताया कि वो पार्टी की कार्यकर्ता भी है। तो मुलायम सिंह ने उन्हें और तवज्जो दी। कहा जाता है, कि इस घटना के बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगीं। यहीं से दोनों के बीच नए रिश्ते की शुरुआत हुई। पार्टी कार्यक्रमों में मुलायम सिंह की वजह से उन्हें तवज्जो मिलने लगी। फिर समय के साथ दोनों एक दूसरे के करीब (mulayam sadhna love story)आते चले गए। जब यह सब कुछ हो रहा था उस दौरान अखिलेश स्कूल में स्टूडेंट थे।

सपा सुप्रीमों के लिए लकी साबित हुईं साधना, मिल गया सीएम का पद

शुरुआत में अमर सिंह इकलौते ऐसे शख्स थे जो इस रिश्ते के बारे में जानते थे। कहा जाता है, कि मुलायम सिंह यादव ने खुद अमर सिंह को ये बात बताई थी की उन्हें प्यार हो गया है। इसीलिए अमर सिंह को मुलायम सिंह का सबसे बड़ा राजदार कहा जाता था। 1987 में पति से अलग होने के बाद साधना मुलायम की जिंदगी में आईं। दोनों की मुलाकात बढ़ती गई और प्यार भी। इस बीच, साधना मुलायम के लिए लकी साबित हुईं। 1989 में मुलायम सिंह यादव पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बन गए।

हालांकि दोनों की ये प्रेम कहानी (Mulayam sadhna love story) दुनिया की नजरों में तक तक नहीं आई। जब तक मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी जिंदा थीं। साल 2003 में मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हुआ। तो सार्वजनिक तौर पर मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता को अपनी दूसरी पत्नी का दर्जा दिया।

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