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मौलानाओं ने निकाला तलाक का नया पैंतरा, जाने क्या है तलाक-ए-किनाया, जिसे बैन करने की उठी मांग

देश में तीन तलाक खत्म हुआ तो मौलानाओं ने उसका तोड़ निकाल लिया। पहले तीन बार तलाक बोलने से तलाक होता था। अब मौलानाओं की इस नई इजाद से एक ही बार तलाक बोलने से शादी टूट जाती है। जी हां, हिंदुस्तान में तीन तलाक के लिए मुस्लिम महिलाओं ने बड़ी लड़ाई लड़ी थी। तब तलाक का मुद्दा काफी गर्माया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए, तीन तलाक को असंवैधानिक करार दे दिया था। वहीं अब तलाक का नया तरीका (Talaq-e-Kinaya) भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

क्या है तलाक-ए-किनाया या तलाक-ए-बाइन

दरअसल, इस तलाक के नए तरीके नाम है तलाक-ए-किनाया (Talaq-e-Kinaya) और तलाक-ए-बाइन (Talaq-e-Bain) है। असल में ये शादी की तय शर्तों के उल्लंघन पर दिये जाते हैं। जिसके मुताबिक पति अगर पत्नी से किन्हीं कारणों से ना खुश है, तो वो कुछ आरोपों के तहत पत्नी को तलाक दे सकता है। जिसे काजी की अनुमति से संबंध विच्छेद हो जाता है। जिसमें ये लिखा जाता है, कि चूंकि इन विभिन्न कारणों की वजह से संबंध बरकरार रखना संभव नहीं है। जिसे किनाया शब्द के तहत तलाक-ए-किनाया/तलाक-ए-बाइन दिए जाते हैं। जिनका मतलब होता है कि मैं तुम्हें आजाद करता हूं, अब तुम आजाद हो, यह रिश्ता अब हराम है, तुम मुझसे अब अलग हो सकते हो। इसमें भी तलाक की तरह एक बार बोलकर तलाक दे दिया जाता है।

कर्नाटक की पीड़ित महिला डॉक्टर ने इसके खिलाफ लगाई याचिका

बता दें कि कर्नाटक की सैयदा अमरीन ने इसके खिलाफ याचिका लगाई है। याचिकाकर्ता और पीड़िता सैयदा अमरीन कर्नाटक की रहने वाली  हैं और पेशे से एक डॉक्टर है। सैयदा अमरीन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसकी शादी 22 अक्टूबर, 2020 को मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। उसके शौहर और उसके परिवार लोग दहेज के लिए शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। जब याचिकाकर्ता के पिता ने ससुराल वालों को दहेज देने से इनकार कर दिया, तो उसके पति ने उसे एक काजी और वकील के माध्यम से तलाक-ए-किनाया/तलाक-ए-बाइन दे दिया। जो पूरी तरह से देश के कानून के मुताबिक नहीं है। इसके साथ ही अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 के खिलाफ है।

तलाक देने का नया रास्ता है तलाक-ए-किनाया/बाइन

याचिकाकर्ता के मुताबिक जनवरी 2022 में काजी कार्यालय से तलाक का पत्र भेजा गया। जिसमें उनके पति ने उन पर कुछ आरोप लगाए, जो कि स्पष्ट नहीं हैं। साथ ही कहा कि इन सभी शर्तों के कारण इस शादी में बने रहना संभव नहीं है। अब हमें किनाया शब्दों के द्वारा तलाक-ए-किनाया/ तलाक-ए-बाइन दिया जा रहा है। इस तलाक-ए-किनाया/ तलाक-ए-बाइन को तलाक देने का नया रास्ता बताया जा रहा है। जिसे पीड़ित महिला डॉक्टर सैयदा अमरीन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने तलाक -ए-बाइन और तलाक-ए-किनाया को असंवैधानिक घोषित करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता ने ये भी कहा है, कि तलाक-ए-किनाया/ तलाक-ए-बाइन कई इस्लामिक राष्ट्रों में प्रतिबंधित है। वहीं भारत में ये अभी भी जारी है। इस याच‍िका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा राष्‍ट्रीय मह‍िला आयोग यानि NCW और राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानि NHRC को नोटिस जारी किया गया है।

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