DY Chandrachud देश के 50वें CJI बन रचेंगे इतिहास, पिता के बाद बेटा पहली बार इस पद पर होगा काबिज

सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। मौजूदा चीफ जस्टिस यूयू ललित ने सुप्रीम कोर्ट में बैठक के बाद उनका नाम अपने उत्तराधिकारी के रूप में भेज दिया है। जिसके बाद ये तय हो गया है, कि 8 नवंबर को चीफ जस्टिस यूयू ललित के बाद डीवाई चंद्रचूड़ नए सीजेआई होंगे। जिसकी प्रक्रिया अब शुरु हो गई है। बता दें कि चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित प्रधान न्यायाधीश के पद से आठ नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। जिन्हें केंद्र सरकार ने 7 अक्टूबर को पत्र भेजकर उत्तराधिकारी का नाम मांगा था।
9 नवंबर को डीवाई चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस की लेंगे शपथ
बता दें कि चीफ जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल 8 नवंबर को समाप्त हो रहा है। जिसके बाद 9 नवंबर को डीवाई चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस की शपथ लेंगे। चीफ जस्टिस यूयू ललित ने परंपरा निभाते हुए सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश का नाम चीफ जस्टिस और अपने उत्तारधिकारी के लिए भेजा है। बताया जा रहा है कि जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो साल का हो सकता है। क्योंकि उम्र के लिहाज से उनका रिटायरमेंट 10 नवंबर 2024 को होगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 साल की आयु में और हाई कोर्ट के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में रिटायर होते हैं।
कौन हैं जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़?
11 नवंबर 1959 को जन्मे न्यायमूर्ति ‘धनंजय यशवंत चंद्रचूड़’ (DY Chandrachud) सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं। इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी सुप्रीम कोर्ट के 16 वें मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB करने के बाद चंद्रचूड़ प्रतिष्ठित InLaks स्कॉलरशिप की मदद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने गए। जहां से लॉ में मास्टर्स यानी LLM और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट यानी SJD पूरी की। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्कूल, Yale लॉ स्कूल में लेक्चर देने का मौका मिला। साथ ही University of Witwatersrand जो की दक्षिण अफ्रीका में हैं, वहां लेक्चर्स के लिए आमंत्रित किये गए।
वकील के रूप में इन केस से मिली DY Chandrachud को ख्याति
डीवाई चंद्रचूड ने वकील के तौर पर गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली के हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की. चंद्रचूड़ को 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया। साल 1998 से 2000 तक उन्होंने भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया। एक सफल वकील के रूप में डीवाई चंद्रचूड़ के सबसे बड़े मुकदमों में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, HIV+ मरीजों के अधिकार, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक अधिकार और श्रम और औद्योगिक कानून शामिल हैं, जिन्होंने उन्हें खूब ख्याति दी।
जज के तौर पर लंबा अनुभव की बात करें तो पहली बार उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में 29 मार्च 2000 को अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्ति मिली। 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर आसीन हुए। 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने। आज वो सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जस्टिस हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जज बनने के बाद चंद्रचूड़ ने कई अहम फैसलों की बेंच में शामिल रहे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंचों के साथ खूब काम किया।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार पिता के बाद बेटा भी बनेगा सीजेआई
गौरतलब है कि जस्टिस DY Chandrachud के पिता वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें चीफ जस्टिस के रूप में लंबे समय तक काबिज रह चुके हैं। दरअसल, इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ 22 फरवरी 1978 से लेकर 11 जुलाई 1985 तक का सीजेआई का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल संभाल चुके है। वहीं पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद अब बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बन इतिहास रचने जा रहे हैं। क्योंकि देश के सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पिता के बाद कोई बेटा पहली बार इस शीर्ष पद पर काबिज होने जा रहा है।